बीजापुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधारभूत संगठको में से एक महत्वपूर्ण घटक है. कोरोना वायरस के चलते देश सहित बीजापुर जिले में भी लॉक डाउन के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में भुखमरी की स्थिति निर्मित ना हो इसके लिए शासन चावल वितरण के साथ विभिन्न प्रभावी उपाय भी कर रही है. इन्ही उपयो में से एक जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत कार्यरत मजदूरों को 20 मार्च अर्थात लॉक डाउन के बाद 4 करोड़ 85 लाख 45 हज़ार की मजदूरी राशि वितरण किया गया है, जो मजदूरों को प्रदाय किया जा रहा है.

 

जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी पोषण चंद्राकर ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते देश में लॉक डाउन की स्थिति निर्मित हुई। जिसके चलते जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना में कार्यरत मजदूर मजदूरी भुगतान को लेकर चिंतित थे. शासन भी मंशा रही कि किसी भी स्थिति में इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रो में भूखमरी और अर्थ की समस्या उत्पन्न नहीं होनी चाहिए, इसके लिए व्यापक उपाय किये जाने के निर्देश भी जारी किए गए. बीजापुर जिले में अपेक्षाकृत बैंकिंग सुविधाओ का अभाव है, जिसके कारण भारत सरकार ने जिले में नकद मजदूरी की मान्यता प्रदान की है.

लॉक डाउन के दौरान राशि बैंको से हस्तांतरण कर मजदूरों तक पहुंचाना एक बड़ी चुनोती थी. इसके लिए कलेक्टर के.डी. कुंजाम सर के मार्गदर्शन में जिले में मौजूद बैंक शाखा प्रभारी से समन्वय कर योजना की राशि आहरण को प्राथमिकता देते हुए करने को कहा गया. जिसके कारण ही योजनांतर्गत कार्यरत मजदूरों को अर्थ की समस्या ना हो.