सुकमा। यह साल नक्सलियों के लिए काफी नुकसानदायक रहा। नक्सली बैठक में हर साल नुकसान-फायदे का आंकड़ा रखते है। कुछ माह पूर्व गोलापल्ली इलाके में हुई मुठभेड़ के बाद साहित्य बरामद हुआ। जिसमें कही अहम जानकारी पुलिस के हाथ लगी। खासकर उसमें यह लिखा गया था कि इस साल जुलाई 16 से जुलाई 17 तक करीब 90 नक्सली मारे गए। साथ ही संगठन में भर्ती होने वालो में भी कमी आई। इधर खबर की पुष्टि करते हुए एसपी अभिषेक मीणा ने कहा कि नक्सलियों से बरामद साहित्य में यही जानकारी मिली है। उन्हे काफी नुकशान हुआ है। जिसका जिक्र साहित्य में है।

पुलिस सुत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ माह पूर्व जिले के गोलापल्ली इलाके में मुठभेड़ हुई थी। जिसमें प्लाटून सदस्य दीपक और गोलापल्ली एरिया एलओएस माड़वी पोदिया मारे गऐ थे। वहां सर्चिंग करने पर बहुत सारे साहित्य बरामद हुए। जो स्थानीय भाषा गोंडी में लिखे हुए थे। उन साहित्य से पुलिस को कई जानकारियों हाथ लगी। बताया जाता है कि उस साहित्य में इस साल अगस्त के अंतिम दिनो या फिर सितम्बर के शुरूआती दिनों में नक्सलियों की बैठक होने वाली थी जिसके लिए यह जानकारी बनाई गई थी।

उस साहित्य में लिखा गया था कि जुलाई 2016 से जुलाई 2017 तक नक्सलियों के करीब 90 लोग मारे गऐ। जिसमें तोंडेमरका में काफी बड़ा नुकशान हुआ था। वही पुलिस की माने तो पापाराव भी अक्सर बैठको में तोंडेमरका का जिक्र किया है जिसमें करीब 45 नक्सली मारे जाने की बात कही। लेकिन मुठभेड़ के बाद नक्सली अपने पर्चो और पोस्टर में नुकशान होने से इंकार किया है। जबकि कुछ और साहित्य में 45 लोग ही मारे जाने की बात कही गई।

वही साहित्य में नक्सली संगठन में भर्ती को लेकर भी लिखा गया है। साउथ बस्तर सुकमा जिले से मात्र 77 लोग भर्ती हुए जहां पहले करीब 300 लोग भर्ती हुआ करते थे। वही बाकी जगहों से दरभा 12, पश्चिम बस्तर 52 भर्ती हुए। जहां पुरे बस्तर से 500 लोग भर्ती हुआ करते थे। जो मात्र 140 लोगो पर आ गऐ।

बरामद साहित्य से मिली जानकारी – अभिषेक मीणा

पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि गोलापल्ली मुठभेड़ से साहित्य बरामद हुआ है। जिसमें नक्सलियों के 90 लोग मारे जाने की जानकारी लिखी हुई है। वही भर्ती में भी भारी कमी आई है। सुकमा जिले से जहां 300 नक्सली हर साल भर्ती हुआ करते थे इस साल मात्र 77 नक्सली भर्ती हुए। वही उन्होने कहा कि पुलिस लगातार आपरेशन कर रही है। साथ ही तोंडेमरका में नक्सलियों को काफी नुकशान हुआ है। वही पुलिस ग्रामीणों के साथ बैठके कर रही है जिसके कारण नक्सली संगठन से लोग कम जुड़ रहे है। वही उन्होने कहा कि नक्सलियों ने कई जानकारिया छुपाने की कोशिश की है। जारी पर्चो व पोस्टरों में उन्होने 45 नक्सली ही मारे जाने की जानकारी दी। जबकि हाथ से लिखे इस साहित्य में 90 लोग लिखा हुआ है।