गंगा दशहरा पर्व पर हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और पुण्य अर्जित किया है. श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जयघोष लगाए. आज गंगा दशहरा पर्व के मौके पर धर्मनगरी हरिद्वार में हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. आधी रात के बाद से ही यहां पर स्नान करने के लिए लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी.

लोगों ने हरकी पैड़ी पर रात से ही पुण्य की डुबकी लगानी शुरू कर दी थी. हर-हर गंगे और जय मां गंगे के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान, पूजन और ध्यान करने के बाद दान पुण्य भी किया. हरिद्वार में गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने मोक्ष की कामना के लिए गंगा में डुबकी लगाई.

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मान्यता है कि राजा सागर के पुत्रों के उद्धार करने के लिए राजा भागीरथ ने हजारों साल तक तपस्या की और गंगा को स्वर्गलोक से धरती पर लाए. आज ही के दिन राजा भागीरथ के प्रयास से गंगा शिव की जटाओं से होती हुई धरती पर आई. पुलिस-प्रशासन के अनुसार देर रात से सुबह आठ बजे तक 4 लाख श्रद्धालु गंगा स्नान कर अपने घर को लौट चुके हैं. यह गंगा स्नान शाम तक इसी प्रकार जारी रहेगा. हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड के अलावा अन्य गंगा घाटों पर भी श्रद्धालु लगातार गंगास्नान कर रहे हैं.

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भगवान विष्णु के चरण कमलों से निकलने के साथ ही भगवान विष्णु ने वरदान दिया था कि गंगा पृथ्वी पर जैसे ही आप अवतरित होंगी और पृथ्वी के प्राणी आपका दर्शन करेंगे तो आप के दर्शन करने से ही पृथ्वी के जितने भी प्राणी मात्र हैं, उनको मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त होगा. शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु ने गंगा जी को आशीर्वाद दिया कि गंगा तुम्हारे दर्शन से प्राणी मात्र की मुक्ति हो जाएगी. यही वजह है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान, पूजन और दर्शन का विशेष महत्व है. शास्त्रों में बताया गया है कि जो 10 प्रकार के पापों को हरण करता है उसी को दशहरा कहा गया है.

पुलिस-प्रशासन ने संपूर्ण मेला क्षेत्र को चार सुपर जोन, 16 जोन और 38 सेक्टर में बांटा है. व्यवस्था और सुरक्षा में भारी पुलिस बल लगाया गया है. यात्रियों की संख्या को देखते हुए यातायात प्लान भी लागू किया है. भारी और बड़े वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है.