नई दिल्ली। दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस दिल्ली सरकार ने रद्द कर दिया था, लेकिन अब इस फैसले को पलटते हुए फाइनेंस कमिश्नर ने हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी है. इसके बाद मैक्स हॉस्पिटल में फिर से नए मरीजों की भर्ती की जा रही है और यहां इलाज शुरू हो गया है.
कोर्ट ऑफ फाइनेंस ने लगाई फैसले पर रोक
केजरीवाल सरकार के हॉस्पिटल के लाइसेंस रद्द करने के फैसले के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने ये मामला कोर्ट ऑफ फाइनेंस कमिश्नर के पास भेजा था. बहरहाल अब लाइसेंस रद्द करने के फैसले पर फाइनेंस कमिश्नर ने रोक लगा दी है.
भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के गंभीर आरोप
इधर भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ट्वीट कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सांठगांठ करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कितने की डील हुई मालिक? उन्होंने कहा कि जिस चीज की शंका थी, वही हुआ. मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार का यही चरित्र है. उन्होंने बताया कि मनीष सिसोदिया के मंत्रालय वाले फाइनेंस कमिश्नर ने लाइसेंस रद्द करने के फैसले पर स्टे लगा दिया है.
मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द करने के पीछे का मामला
नवजात जीवित बच्चे को मृत बताने के मामले में हॉस्पिटल की गंभीर लापरवाही पाई गई थी और लाइसेंस रद्द करने का फैसला केजरीवाल सरकार ने किया था. बता दें कि जिंदा बच्चे को मृत घोषित कर हॉस्पिटल ने उसे प्लास्टिक में पैक और सील करके परिजनों को सौंप दिया था. मैक्स हॉस्पिटल में एक महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था. इनमें एक लड़का था और दूसरी लड़की. परिवार वालों ने बताया कि डिलीवरी के साथ ही बच्ची की मौत हो गई थी. डॉक्टरों ने दूसरे जीवित बचे बच्चे का इलाज शुरू कर दिया था, लेकिन एक घंटे बाद अस्पताल ने दूसरे बच्चे को भी मृत घोषित कर दिया और उसे प्लास्टिक में पैक करके कपड़ों में बांधकर दे दिया था.
जब परिजन शव समझकर बच्चे को ले जा रहे थे, तब रास्ते में पैकेट में हलचल हुई. जब परिजनों ने देखा तो पता चला कि बच्चा जिंदा है. इसके बाद मां और बच्चे को दूसरे हॉस्पिटल में उन्होंने भर्ती कराया.
इसके बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की थी और मामला मेडिकल की लीगल सेल को फॉरवर्ड कर दिया था. इसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया था. इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि हॉस्पिटल को आपराधिक लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया है.
उन्होंने कहा कि पहले भी हॉस्पिटल की कई मामलों में लापरवाही पाई गई है. इसलिए हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द किया जाता है. दिल्ली सरकार ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसमें पाया गया था कि बच्चे की ईसीजी नहीं की गई थी और न तो तय मेडिकल नियमों का पालन किया गया था, ताकि पता चल सके कि बच्चे की मौत हुई है या नहीं.
वहीं जिंदा और मृत बच्चे को साथ-साथ रखा गया और बिना लिखित निर्देश के माता-पिता को अंतिम संस्कार के लिए बच्चों को सौंप दिया गया था. इन आधारों पर मैक्स का लाइसेंस कैंसिल किया गया था.