रायपुर. हमारी बौद्धिक क्षमता और निर्णय शक्ति का स्तर निश्चित है. प्रत्येक व्यक्ति कैसे सोचेगा, किस परिस्थिति में क्या निर्णय करेगा और किस प्रकार से अपने अच्छे या बुरे वक्त या अच्छे या बुरे लोगों के प्रति व्यवहार करेगा. इसका कारण किसी जातक की कुंडली में देखकर लगाया जा सकता है. काल पुरूष की कुंडली में बुध को बुद्धि, सोचने समझने की क्षमता, निर्णय शक्ति, तर्क शक्ति, मष्तिष्क, बुद्धिपरक कार्य और पढ़ने की क्षमता आदि का कारक माना गया है अर्थात हमारे मष्तिष्क और बौद्धिक गातिविधियों को बुध ही नियंत्रित करता है.

कई बार किसी जातक के मस्तिष्क में योजनाएं तो बहुत बनती है, परंतु उसके निर्णय हमेशा बदलते रहते हैं. किसी भी एक कार्य को निश्चय करने के कुछ समय बाद ही उस कार्य को ना करके दूसरे कार्य को करने का विचार आने लगता है. व्यक्ति की निर्णय शक्ति या डिसीजन पॉवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसका कारण बुध का विपरीत स्थान पर होना अथवा क्रूर ग्रहों से पापाक्रांत होना हो सकता है. इसके अलावा लग्न में शनि अथवा राहु जैसे ग्रहों के साथ बुध हो तो निर्णय क्षमता जरूर प्रभावित होती है.

अगर बुद्धि हमेशा अस्थिर रहती हो तो निम्नलिखित उपाय करें –

1. ॐ बुम बुधाय नमः का नियमित जाप करें.

2. प्रत्येक बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं.

3. सोमवार को मंदिर में या गरीब व्यक्ति को दूध दान करें.

4. गणेश जी की उपासना करें.

5. किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह के बाद पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं.