स्पोर्ट्स डेस्क– किसी खिलाड़ी के लिए जुनून क्या होता है, अगर ये देखना है तो भारतीय मुक्केबाज की बॉक्सिंग देखिए, बॉक्सिंग में उनकी सफलता देखिए, उनकी फिटनेस देखिए। 35 साल की हो चुकीं मैरीकॉम ने 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में ना केवल गोल्ड मेडल जीता है, बल्कि लोगों के लिए एक उदाहरण भी सेट कर दिया है, कि अगर ईमानदारी से कड़ी मेहनत की जाए, तो कामयाबी आपसे दूर नहीं रह सकती है।

कॉमनवेल्थ में मैरीकॉम ने जीता गोल्ड
महिला बॉक्सिंग में भारत की मैरीकॉम ने कमाल ही कर दिया, और सीधे गोल्ड मेडल पर पंच लगाया है।
फाइनल मुकाबले में मैरीकॉम ने नॉर्थन आयरलैंड की क्रिस्टीना ओकोहारा को 48 किलोग्राम वर्ग में 5-0 से हरा दिया। और गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमा लिया। दोनों ही खिलाड़ियों के बीच पांच राउंड का फाइनल मैच खेला गया, और सभी राउंड में मैरीकॉम ने अपनी बढ़त को कायम रखा जिसकी बदौलत सीधे गोल्ड मेडल हासिल किया।
के साथ खेला, लेकिन धीरे-धीरे मैच में अटैकिंग होती गईं, और फिर क्या था मैरीकॉम की फिटनेस और उनके अटैक का विरोधी बॉक्सर के पास कोई जवाब ही नहीं था जिसकी बदौलत मैरीकॉम ने एक बार फिर से दुनिया को दिखा दिया, कि असली चैंपियन वही हैं, खिलाड़ी के करियर में उतार चढ़ाव भले ही आते हैं, लेकिन चैंपियन तो चैंपियन ही होता है।

कॉमनवेल्थ में पहला गोल्ड
भारत की महान बॉक्सर मैरीकॉम का कॉमनवेल्थ गेम्स में ये पहला गोल्ड मेडल है, अपने डेब्यू कॉमनवेल्थ गेम्स में ही मैरीकॉम ने गोल्ड मेडल पर पंच लगाया। हलांकि इससे पहले मैरीकॉम 5 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप पर कब्जा जमा चुकी हैं, एशियन चैंपियनशिप में कई बार मेडल हासिल कर चुकी हैं, मौजूदा समय में 35 साल की मैरीकॉम शानदार फॉर्म में चल रही हैं। अभी हाल ही में पांच महीने पहले ही मैरीकॉम ने एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था, जनवरी में इंडिया ओपन का खिताब जीता था।

समापन समारोह में ध्वजवाहक होंगी मैरीकॉम
पैंतीस साल की मैरीकॉम 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के समापन समारोह में भारत की ध्वजवाहक होंगी, और इस सम्मान को लेकर भारत की मशहूर बॉक्सर मैरीकॉम काफी सम्मानित फील कर रही हैं।