विप्लव गुप्ता, पेंड्रा। नवीन जिला गौरेलाज पेंड्रा मरवाही में शासकीय मदर एन्ड चाइल्ड हॉस्पिटल तो खोल दिया गया है, लेकिन आज तक यहां जरूरी सुविधाओं का अभाव है. हॉस्पिटल में पर्याप्त चिकित्सा की व्यवस्था नहीं की गई है. इसका फायदा प्राइवेट नर्सिंग होम वाले उठा रहे हैं. बिना एनिस्थिया विशेषज्ञ के सर्जरी और बिना शिशु रोग विषेशज्ञ के नवजात का इलाज किया जा रहा है. इलाज के नाम पर परिजनों को डराकर बड़ी रकम वसूलने का मामाल सामने आया है. चिकित्सा विभाग से सांठगांठ शासकीय मातृ शिशु अस्पताल के बहार हमेशा खड़ी प्राइवेट नर्सिंग होम की एम्बुलेंस से ही लगाया जा सकता है. ऐसा ही एक प्राइवेट नर्सिंग होम पिनाकी हॉस्पिटल एन्ड मेटरनिटी केयर जो की अपने बोर्ड पर तो सारी सुविधाएं देने की बात लिखी है लेकिन हकीहत कुछ और ही है. बिना प्रशिक्षित स्टाफ और अन्य सुविधाओं के बगैर हॉस्पिटल चल रहे है. इसकी पोल हॉस्पिटल में इलाज करा चुके परिजनों ने खोली है.

मरवाही के तेन्दुमुड़ा निवासी तारावती ने बताया कि 24 मार्च को जब उनका इलाज शासकीय मदर एन्ड चाइल्ड हॉस्पिटल हो रहा था तो उन्हें शासकीय मदर एन्ड चाइल्ड हॉस्पिटल से पिनाकी हॉस्पिटल भेजा गया था और वहां इलाज के दौरान ही उन्हें सर्जरी के माध्यम से डिलीवरी करने कहा गया. सबसे पहले बिना ब्लड बैंक के जांच किये बिना ही उसे चढ़ाया गया. सर्जरी के दौरान न तो कोई एनिस्थिसिया विशेषज्ञ थे और ना ही कोई ओटी अटेंडेंट और बच्चे की तबीयत खराब बताकर उसे आईसीयू में रखने की बात कही, लेकिन इलाज के लिए भी कोई शिशु रोग विशेषज्ञ को नहीं बुलाया गया और जब डिस्चार्ज की बात आई तो लगभग 45 हजार रूपये का बिल थमा दिया गया और दवाइयों का बिल भी अलग से दिया गया. वहीं मांगे जाने पर भी ना तो उसे चिकित्सक का प्रिस्क्रिप्शन दिया गया ना ही कोई फाइल ना ही अपने नवजात के इलाज में लगी दवाइयों की कोई जानकारी दी गई.

अस्पताल के कर्मचारी नोहर सिंह यादव ने बताया कि अस्पताल में एक भी प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है. नर्स एवं वार्ड बॉय वहीं सीखे हुए है. एनिस्थिसिया एवं शिशु रोग विषेशज्ञ के रूप में जो चिकित्सक अपनी सेवा दे रहे हैं वो ना तो प्रशिक्षित है और ना ही चिकित्सक है. नर्सिंग होम के बोर्ड में एनिस्थिसिया विशेषज्ञ डॉ मरावी के होने की बात पर उसने बताया कि उसने बीते 3 महीने जब से वो काम कर रहा है तब से अब तक लगभग 80 डिलीवरी हुई है जिसमे से सिर्फ 2 या 4 ही नार्मल डिलीवरी हुई है, बाकि सभी डिलीवरी सर्जरी के माध्यम से हुई है. इन सभी में एनिस्थिसिया विशेषज्ञ डॉ मरावी को कभी नहीं देखा है और न ही उनका नाम सुना है. किसी भी सर्जरी में वो नहीं आये है और यह भी कहा कि आज तक हुई सभी सर्जरी के दौरान अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज से ये बात खुद ही सामने आ जाएगी. साथ ही उसने बताया कि गायनोलॉजिस्ट डॉ सुधा तो कई बार नशे में धुत्त होकर रात के समय सर्जरी की है. इसकी जानकारी होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं.

जब इन सभी मामलों में अस्पताल प्रबंधन से सच्चाई जाननी चाही तो अस्पताल संचालक डॉ पवन सिंह मीडिया पर ही बिफर गए. मीडिया को किसी और प्रभावित होने की बात कह दी. साथ ही सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया.

जिले के चिकित्सा अधिकारी डॉ. देवेंद्र पैकरा ने कहा कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है. अगर बिना एनिस्थिसिया विशेषज्ञ के सर्जरी की जा रही है तो ये गंभीर मसला है. जांच कर अस्पताल प्रबंधन पर ठोस कार्रवाई की जाएगी.