दिल्ली. देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेकाबू हो गई है. जिसके बाद पलायन कर अन्य राज्यों में गए प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में घर लौट रहे हैं. रेलवे स्टेशन हो या बस स्टेंड़, सभी जगह मजदूरों की भीड़ नजर आ रही है. बड़े-बड़े शहरों से मजदूर घर लौट रहे हैं. अब इसको लेकर कोरोना के महासंकट के बीच रेलवे ने बड़ी तैयारी कर ली है. भारतीय रेलवे ने एक बार फिर 70 फीसदी क्षमता के हिसाब से ट्रेनें चला रहा है, ताकि मजदूरों के लिए ट्रेनों की संख्या कम ना हो, और उन्हें सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा दिया जाए.

मिली जानकारी के मुताबिक, रेलवे जल्द ही 133 नई ट्रेनें शुरू करने पर विचार कर रहा है, जिसमें 88 समर स्पेशल और 45 त्योहार स्पेशल ट्रेनें शामिल हैं, ये ट्रेनें अगले दो हफ्ते में शुरू हो जाएंगी. बुधवार तक के आंकड़ों के मुताबिक, रेलवे ने कुल 9622 स्पेशल ट्रेन की अनुमति दे दी है. जिसमें साप्ताहिक ट्रेनें भी शामिल हैं. अभी हर रोज 7745 ट्रेनें चल रही हैं, जबकि कोरोना काल से पहले ये आंकड़ा 11 हजार से अधिक था.

रेलवे द्वारा जिन इलाकों में अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उनमें गोरखपुर, पटना, दरभंगा, वाराणसी, गुवाहाटी, प्रयागराज, रांची, लखनऊ शामिल हैं.

पलायन के कारण बढ़ी ट्रेनों की डिमांड

आपको बता दें कि महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्यों में पाबंदियां लागू होने के बाद मजदूरों बड़ी संख्या में पलायन कर रहें है. यही कारण है कि रेलवे को अतिरिक्त ट्रेनें चलानी पड़ रही हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली से सबसे अधिक पलायन हो रहा है, यहां से बड़ी संख्या में लोग उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जा रहे हैं. इनके अलावा ओडिशा और बंगाल जाने वालों की संख्या सबसे अधिक है.

पिछले साल भी जब लॉकडाउन लगाया गया था, तब रेलवे की ओर से मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई गई थीं और लाखों लोगों को उनके शहर तक पहुंचाया गया था. लॉकडाउन की आहट के बीच अफवाह थी कि रेलवे अपनी सर्विस बंद कर सकता है, लेकिन रेलवे ने साफ किया कि ट्रेनों का परिचालन जारी रहेगा.

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