शासन की सबसे महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना से जहां मजदूरों के पलायन की समस्या पर विराम लगा है, वहीं जशपुर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन और जिला पंचायत सीईओ जीतेन्द्र यादव के दिशा-निर्देश के परिणाम स्वरूप जरुरतमंद मजदूरों के चेहरों पर भी खुशियों की झलक स्पष्ट देखने को मिल रही है.

जशपुर जिले में इन दिनों मनरेगा के तहत सभी विकासखंड में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके साथ आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोगों को उनके गांव में ही भूमि सुधार, तालाब गहरीकरण, कुंआ निर्माण, नहरो का जीर्णोद्धार जैसे कार्य किए गऐ हैं. जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव ने सभी मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान के निर्देश दिए हैं. साथ ही काम की सतत देखरेख भी की जा रही है. गांव में ही रोजगार और समय पर मजदूरी भुगतान से युवाओं के साथ बुजुर्ग भी काफी खुश हैं.

दुलदुला विकासखंड के ग्राम पंचायत डोभ निवासी सोमवर यादव ने बताया कि वे आर्थिक रूप से बेहद कमजोर और अपने घर में इकलौता कमाने वाले हैं. उन्होंने बताया कि उनके 17 साल के जवान बेटे के रोड ऐक्सिडेंट में खत्म हो जाने के बाद उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. जिसके कारण लगातार आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा.

बुजुर्ग को मिला पानी पिलाने का काम

सोमवर को पता चला कि उसके गांव में मनरेगा के तहत कार्य चल रहा है. जिससे उसने भी अधिकारियों से मनरेगा में कार्य करने की इच्छा जाहिर की थी. लेकिन उम्र ज्यादा होने के कारण उसे मनरेगा में मजदूरी का काम दे पाना मुश्किल हो रहा था. लेकिन अधिकारियों ने उसकी काम करने की इच्छा को देखते हुए पानी पिलाने के काम की जिम्मेदारी दी है. इस जिम्मेदारी पर सोमवर ने खुशी जाहिर करते हुए जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्यासे को पानी पिलाने में उसे बहुत सुकून मिल रहा है. ऐसा लगता है कि अपने बेटे को ही पानी पिला रहा हूं. साथ ही रोजगार भी मिल गया. जिसमें परिवार का भरण पोषण चल रहा है.

मनरेगा के तहत पहाड़ी कोरवा और बिरहोर परिवार के सदस्यों को भी आसानी से रोजगार मिल जाने से उनके चेहरों पर भी खुशियां लौट आई है. पत्थलगांव विकासखंड का बुलडेगा गांव में इन दिनों बिरहोर परिवार के लोगों को काम की तलाश में भटकना नहीं पड़ रहा है. बल्कि शासन से अच्छी मजदूरी मिल जाने से वे लोग भविष्य की जरूरत के लिए कुछ राशि बैंक में जमा भी कर ले रहे हैं.