कवर्धा. वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण, विधि-विधायी मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने बैगा, सर्व नाई और कुम्भकार समाज के लिए सामुदायिक भवन निर्माण कार्य के लिए विधिवत पूजा अर्चना कर भूमिपूजन किया. उन्होंने कहा है कि आर्थिक, समाजिक, शैक्षिणिक रूप से पिछड़े लोगों की जीवन उत्थान और पिछड़े क्षेत्रों का समुचित विकास करना छत्तीसगढ़ सरकार का मुख्य ध्येय है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना और जनहित से जुड़े मांग, समस्याओं का प्राथमिकता में निदान भी किया जा रहा है.

उन्होने कहा कि हम आगे भी समाज के उत्थान और उन्हे विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए हरसभव प्रयास करते रहेंगे. बैगा, सर्व नाई और कुम्भकार समाज ने कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के प्रति सामाजिक समरसता के उत्कृष्ट कार्य के लिए समाज की ओर से साधुवाद ज्ञापित किया है. इस अवसर पर नीलकंठ चंद्रवंशी, नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि होरी साहू, निज सहायक कीर्तन शुक्ला, प्रभाती मरकाम, राजेश शुक्ला, सनत जायसवाल, पाषर्द सुनील साहू, अशोक सिंह, प्रमोद लुनिया, उत्तम गोप, कौशल कौशिक, ईश्वर शरण वैष्णव, लेखा राजपुत, चोवा साहू सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.

जनजातियों को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए भूपेश सरकार प्रतिबद्ध – मंत्री अकबर

मंत्री मोहम्मद अकबर ने बैगा समाज के सामुदायिक भवन निर्माण कार्य के भूमिपूजन करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों की संस्कृति, और उनके सरंक्षण और संवर्धन के साथ-साथ समाज को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है. उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पांच विशेष पिछड़ी जनजातियां बैगा, अबूझमाड़िया, कमार, पहाड़ी कोरबा और बिरहोर निवासरत है. इन सभी विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में विशेष अभिकरण का गठन किया गया है. विशेष पिछडी जनजातियों की कला-संकृति और उनके वेश-भूषा की महत्व को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे है.

उन्होंने कहा कि बैगा बोली और भाषा की विशेषता और महत्व को बनाए रखने के लिए बैगानी भाषा में पाठ्यपुस्तक का प्रकाशन किया गया है. अब यहां के बच्चे अपनी भाषा में भी पुस्तक का अध्ययन कर रहे है. उन्होने कहा कि प्रदेश में निवासरसत विशेष पिछडी जनजातियों को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार प्रतिबद्ध है और के लिए ठोस निर्णय भी लिए जा रहे है. आने वाले समय में यह पिछड़ी जनजातियां विकास और शिक्षा से जुड़ेगे. उन्होने कहा कि प्रदेश में कबीरधाम जिला पहला जिला है जहां बैगा समाज के पढे-लिखें सौकड़ों शिक्षित युवक-युवतियों को शाला संगवारी के रूप में चयन कर रोजगार से जोड़ा गया है. राज्य सरकार की नीति के परिणाम है कि आज बैगा समाज के युवक-युवतियां स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे है.

उन्होने कहा कि वनांचल और जंगलों के बीच सदियों से निवास करने वाले लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है. इसके अलावा उन्हे आर्थिक रूप में मजबूत और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर देने के लिए वनोपज सग्रहण के लिए नीतियां बनाई गई है. अब राज्य सरकार द्वारा समितियों के माध्यम से 61 प्रकार के वनोपज की खरीदी की जाएगी. वनोपज, महुआ का समर्थन मूल्य 17 रुपए से बढ़ाकर 33 रूपए प्रति किलो की दर निर्धारित किया गया है. तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपए से बढ़ाकर सीधे 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है. प्रदेश भर में लघु वनोपज की खरीदी की नई व्यवस्था देने से प्रदेश के किसानों से लेकर वनो में निवारत लाखों वनवासियों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को समाजिक सुरक्षा का लाभ देने के लिए सहित शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक समाजिक सुरक्षा योजना बनाई गई है. पूरे प्रदेश में इस योजना के तहत तेंदूपत्ता संग्राहक में लगे हुए लगभग 12 लाख 50 हजार संग्राहक परिवारो को समाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि संग्राहक परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारी को 4 लाख रूपए देने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा लोक व जनकल्याण, किसानों, वन वासियों और प्रदेश के नागरिकों के आर्थिक उत्थान व उनके सर्वाग्रीण विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है.