जशपुर। जिले के खाद्य अधिकारी घनश्याम सिंह कंवर ने नियमों और निर्देशों की बार-बार अनदेखी की. पीडीएस के तहत खाद्यान्न वितरण में लापरवाही बरती. जिसके बाद उन्होंने निलंबित कर दिया गया है. खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आदेश जारी किया है.

जारी आदेश में बताया गया कि कोविड-19 महामारी संक्रमण के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए शासन के निर्णय और कार्यों के प्रति उदासीनता बरती गई. पूर्व में भी इनके खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी. जिसके संबंध में मौखिक रूप से उनको चेतावनी भी दी गई थी. लापरवाही में बार-बार पुनरावृत्ति होने से शासन की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों तक पहुंचाने में असुविधा हो रही थी. कांसाबेल पीडीएस दुकान घोर अनियमितता और हितग्राहियों को राशन वितरण में अनियमितता, भ्रष्टाचार के संबंध में भी शिकायत की गई थी.

ज़िम्मेदारी से चूकने पर अधिकारियों को भुगतने पड़ेंगे परिणाम

खाद्य अधिकारी कंवर ने इन शिकायतों की अनदेखी करते हुए समय पर जांच और उचित कार्रवाई नहीं की. इन शिकायतें खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के संज्ञान में आईं, तो उन्होंने मामले को बेहद गंभीरता से लिया. उनका कहना है कि समस्त पीडीएस दुकानों का समय-समय पर निरीक्षण और राशन वितरन कार्य सुचारू रूप से हो सके. इसकी जिम्मेदारी भी खाद्य अधिकारी की होती है. इस ज़िम्मेदारी से चूकने पर अधिकारियों को परिणाम भी भुगतने पड़ेंगे, क्योंकि इसका सीधा असर गरीबों की थाली पर पड़ता है. गौरतलब है कि उपरोक्त मामले को लेकर कांसाबेल के हितग्राहियों में बहुत रोष था.

जांच के बाद हुई निलंबन की कार्रवाई

इस मामले में जशपुर खाद्य अधिकारी घनश्याम सिंह कंवर के खिलाफ शिकायत की जांच में पाया गया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 की कण्डिका-3 का उल्लंघन किया गया है. इस आधार पर उन्हें राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम-1966 के नियम-9 के तहत निलंबित कर दिया है. खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि यह उन अधिकारियों के लिये शासन का संदेश है, जो अपनी ज़िम्मेदारी इमानदारी से नहीं निभाते या भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं. पीडीएस के तहत हितग्राहियों के अधिकारों को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है.

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