रायपुर-  महासमुंद के जलकी गांव में फाॅरेस्ट लैंड पर परिजनों द्वारा रिसार्ट बनाए जाने के मामले में घिरे मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को दान में करोड़ों रूपए की जमीन मिल गई. ये दान किसी और ने नहीं बल्कि बृजमोहन अग्रवाल के रिश्तेदारों ने ही किया है. दान में मिली जमीन के दस्तावेजों में इस बात जिक्र है कि राजधानी के शंकरनगर में 10050 वर्गफुट एवं 4000 वर्गफुट की जमीन दान में मिली. ये जमीन बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी सरिता अग्रवाल को दान में दी गई.  शंकरनगर की 10500 वर्गफुट की जमीन मुकेश अग्रवाल-दिनेश अग्रवाल ने दान में दी, जबकि मोवा इलाके की 9583 वर्गफुट जमीन बृजमोहन अग्रवाल को उनके रिश्तेदार गोपालकृष्णा अग्रवाल से दान में मिलना बताया गया है.

 जोगी कांग्रेस ने अपने फेसबुक पेज में इस मामले का खुलासा करते हुए आऱोप लगाया है कि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी के मोवा इलाके में 1991 में 9583 वर्ग फ़ीट जमीन 28000 रुपये में बेनामी ख़रीदी और उसी जमीन को 1करोड़ 42 लाख का भाव होने के बाद  2015-16 में अपने नाम पर दान करा लिया. इसी तरह अपनी पत्नी के नाम पर शंकर नगर में 4000वर्ग फ़ीट जमीन बेनामी जमीन 6लाख में खरीद कर 78 लाख का होने के बाद 2015-16 में अपनी पत्नी सरिता अग्रवाल के नाम दान करा लिया गया. तीसरी जमीन 9 लाख 45 में 10500 वर्ग फ़ीट जमीन गणेश नगर में खरीदी गई और 2015-16 में 2 करोड़ 49 लाख का होने के बाद बेनामी संपत्ति को श्री सरिता अग्रवाल अपनी पत्नी के नाम दान के कारनामे से मंत्री ने कर लिया. 
 
जोगी कांग्रेस ने दावा किया है कि शंकरनगर और मोवा की जमीन की मौजूदा कीमत करीब 15 करोड़ रूपए है.