सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह दो दिवसीय कोरबा प्रवास पर आए हुए हैं. कोरबा की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने पत्र लिखा है.

बता दें कि, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जरूरतमंद तबकों के अन्तर्गत आने वाले विभिन्न वर्गों को सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाने वाली पेंशन, कोरबा के वनांचल और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के विस्तार और अनुसूचित पिछड़ा क्षेत्र कोरबा के समग्र विकास के लिए विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं को पुनः आरंभ करने संबंधी विभिन्न विषयों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए अलग-अलग पत्र लिखा है.

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि, सरकार द्वारा समाज के विभन्न वर्गों के लिए शासन की ओर से प्रदत्त सामाजिक सुरक्षा योजना अन्तर्गत यथा विधवा, परित्यक्ता, दिव्यांग व वृद्धा पेंशन आदि का लाभ उठाने के लिए गरीबी रेखा सर्वे सूची 2007-08 के अन्तर्गत हितग्राही का नाम दर्ज होने की बाध्यता एक अनिवार्य शर्त है. यदि उक्त सर्वे सूची में हितग्राही का नाम दर्ज नहीं है तो वह संबंधित योजना के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने से वंचित हो जाता है.

मंत्री अग्रवाल ने अपने पत्र में स्पष्ट तौर पर यह भी दर्शाया है कि इस तरह की बाध्यता वर्ष 2014 से पूर्व नहीं थी. शासन की योजना का लाभ प्राप्त करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती थी और हर जरूरतमंद तक सरकार की योजना का लाभ पहुंच रही था. लेकिन वर्ष 2014 के बाद से सभी जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. विशेषकर ऐसे लोग जिनका नाम वर्ष 2007-08 की गरीबी रेखा की सर्वे सूची में नहीं दर्ज है.

राजस्व मंत्री ने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को लिखे गए पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस बिन्दु पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए वर्ष 2007-08 की सर्वे सूची में हितग्राही का नाम दर्ज होने की बाध्यतावाली शर्त को विलोपित करने की आवश्यकता है. ताकि समाज में विभिन्न वर्गों के अन्तर्गत आने वाले हितग्राहियों को सरकार की ओर से मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न पेंशन योजनाओं का लाभ सुगमता से मिल सके.

इसी प्रकार राजस्व मंत्री ने एक अन्य पत्र में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री को लिखे गए पत्र में कहा है कि, कोरबा जिला एक अनुसूचित आदिवासी क्षेत्र होने के साथ ही वनांचल जिला है जिसका बड़ा भू-भाग वनाच्छादित है. जिले की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गांवों में निवासरत है. ग्रामीण आबादी बिखरे हुए रूप में वनांचल के बीच पारा, मोहल्ला व टोला के रूप में है जहां की जनसंख्या 50 से लेकर 200 तक के बीच है.

राजस्व मंत्री ने पत्र में आगे लिखा है कि वनाच्छादित बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण ऐसे क्षेत्रों में सुगम आवागमन के लिए सड़कों का अभाव है और ऐसे क्षेत्रों में वन्य पशुओं के स्वच्छंद विचरण करने के कारण प्रायः हादसों की स्थिति बनती रहती है. शासकीय तौर पर पहुंचाई जाने वाली सहायता समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती है. ग्रामीण अंचलों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सम्पर्क सड़कों के निर्माण की योजना को आरंभ करवाने की जरूरत पर बल देते हुए राजस्व मंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से ऐसी परिस्थितियों के मद्देनजर जनहित में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को पुनः बहाल करने की आवश्यकता प्रतिपादित किया है.

केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री को लिखे गए एक अन्य पत्र में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि यद्यपि कोरबा में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के अनेक उपक्रम संचालित हैं. सरकार को राजस्व के रूप में कोरबा से व्यापक पैमाने पर राजस्व की प्राप्ति होती है. इसके बावजूद भी अनेक क्षेत्रों में यह इलाका बहुत सी सुविधाओं से वंचित है और आज भी कोरबा एक अनुसूचित और बहुंत ही पिछड़ा हुआ क्षेत्र है.

केन्द्रीय मंत्री को लिखे गए पत्र में कोरबा के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के विस्तार और स्वीकृति की आवश्यकता प्रतिपादित की गई है. राजस्व मंत्री ने पत्र में लिखा है कि कोरबा के ग्रामीण अंचल का सर्वांगिण विकास करने के लिए योजना पुनः प्रारंभ किया जाए. कोरबा आदिवासी बाहुल्य जिला है. जहां बसाहट दूर-दूर है, इसलिए उज्जवला योजना द्वारा प्रदाय दिए जाने वाले घरेलू कुकिंग गैस सिलेण्डर के दाम न्यूनतम रखे जाएं.

प्रधानमंत्री किसान ट्रेक्टर योजना में बड़े इंजन वाले ट्रेक्टर में सब्सिडी प्रतिशत ज्यादा है. छोटे और सीमांत किसानों को सुविधा देने बावत कम पावर के ट्रैक्टर की सब्सिडी ज्यादा की जाए और प्रतिवर्ष लक्ष्य वृद्धि किया जाए. जिला- कोरबा में बसाहट बिखरा हुआ है, जिससे वनांचल का ग्रामीण बसाहट पहुंच विहीन है. मनरेगा और अन्य योजना से कन्वर्जेंस कर सम्पूर्ण बसाहटों को निश्चित समय सीमा में जोड़ा जाए जिससे वनांचल के आदिवासियों का सर्वांगिण विकास हो सके. राजस्व मंत्री ने उम्मीद जताई है कि कोरबा क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उपर्युक्त योजनाओं को आरंभ करने के लिए केन्द्रीय ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री कोरबावासियों के हित में अवश्य सकारात्मक निर्णय लेंगे.