रायपुर। शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति की राह ताक रहीं दिवंगत शिक्षाकर्मियों की पत्नियां वित्त विभाग और शिक्षा विभाग से निराशा मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की दर पर पहुंची. सिंहदेव ने उनके साथ जमीन पर ही बैठकर समस्याओं को धैर्य से सुना, लिखा और बाकायदा विकल्प सुझाए, जिसके बाद महिलाएं संतोषभाव से रवाना हुईं.

प्रदेश में करीब 75 फीसदी शिक्षाकर्मी संविलियन के बाद स्थाई शिक्षक बन चुके हैं. लेकिन जिन शिक्षाकर्मी की मौत हो गई है, उनकी पत्नियां अनुकंपा नियुक्ति के लिए आज भी शिक्षा विभाग और वित्त विभाग के चक्कर काट रही हैं. कही से भी कोई उचित समाधान नहीं मिलने पर महिलाओं ने बुधवार को मंत्री सिंहदेव के बंगले की ओर रुख कर उनसे मुलाकात की.

बंगले में बैठी महिलाओं की बातों को सुनकर सिंहदेव स्वयं जमीन पर बैठकर उनकी मांगों और समस्याओं को कागज पर लिखने लगे. एक-एक महिला की पीड़ा को समझते हुए उन्होंने इस संबंध में संबंधित विभाग के मंत्री से चर्चा करने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि चूंकि शिक्षा विभाग उनका नहीं है, इसलिए वे सीधे कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन विकल्प के तौर पर वे अपने बंगले में कुछ ऐसे पद सृजित कर सकते हैं, जिनसे उनकी आजीविका चलती रहे.

सिंहदेव के पास अपनी पीड़ा लेकर पहुंची महिलाओं ने बातों को ध्यान से सुनने के लिए मंत्री का आभार जताते हुए अनुकंपा नियुक्ति में बीएड, डीएड की बाध्यता को समाप्त करते हुए ढील देने का आग्रह किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी (मंत्री सिंहदेव) की पहल से उनकी राह आसान हो जाएगी.