दिलशाद अहमद, सूरजपुर। सरगुजा संभाग में पदस्थ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगता हैं विभाग प्रमुख की चेतावनी का भी असर नहीं हो रहा है. यही वजह है कि नाबालिग लड़की के अपहरण और गुमशुदगी जैसे संवेदनशील मामले की भी रिपोर्ट पुलिस द्वारा नहीं लिखी जा रही है. ऐसे ही एक मामले की रिपोर्ट लिखाने के लिए पुलिस थाना के चक्कर काट रहे पीड़ित परिवार ने जब आपबीती आईजी को बताई तो मामले की गंभीरता समझते हुए आईजी रतनलाल डांगी ने थाना प्रभारी समते तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया.

मामला भटगांव थाना का है. भटगांव कॉलोनी में रहने वाले एसईसीएल कर्मी की 16 वर्षीय पुत्री बीते शाम से लापता थी. परिजन उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने रात से ही चक्कर काट रहे थे लेकिन पुलिस उनकी रिपोर्ट दर्ज ही नहीं कर रही थी. इसी बीच प्रभारी आईजी रतनलाल डांगी औचक निरीक्षण के लिए थाना पहुंच गए. जहां पीड़ित परिवार ने उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. मामले की गंभीरता भांपते हुए आईजी ने भटगांव थाना प्रभारी किशोर केवट, एएसआई केके यादव और एक प्रधान आरक्षक अनिल कुमार को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया. आईजी द्वारा की गई कार्रवाई के बाद से जिले में हड़कंप मचा हुआ है.

आपको बता दें पखवाड़ा भर पहले बलरामपुर जिले में भी एक नाबालिग छात्रा मंदिर से घर लौट रही थी उसी दौरान उसका रास्ते से अपहरण करने के बाद उसके साथ गैंगरेप किया गया. छात्रा के अपहरण की जानकारी लगने के बाद उसके परिजन रिपोर्ट लिखाने थाना पहुंचे थे जहां पुलिस द्वारा उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई और बदमाशों ने छात्रा को सूनसान इलाके में ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था. मामला विधानसभा में भी उठा था. जिसके बाद इस मामले में सीएम भूपेश बघेल ने टीआई समेत 7 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था.