हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर जिला जेल में उस वक़्त हड़कंप मच गया, जब महिला कैदी के पास से स्मार्ट फोन (Mobile phone found from female prisoner in Indore District Jail) मिला। करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप में जिला जेल में बंद हाईप्रोफाइल महिला कैदी पायल सैमुअल चार महीने पहले ही तिहाड़ जेल से इंदौर शिफ्ट हुई थी। मामला गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के संज्ञान में आने के बाद इंदौर जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने महिला प्रहरी को सस्पेंड किया है। पूरे मामले की बारीकी से जांच जेल प्रबंधन भी करने में जुटा हुआ है। पुलिस महिला कैदी की कॉल डिटेल को खंगालने में जुट गई है। हाईप्रोफाइल कैदी पायल सैमुअल मल्टी नेशनल कंपनी और न्यूज चैनल की सीईओ बनकर कारोबारियों को झांस में लेने के बाद ठगी की वारदात को अंजाम देती थी।

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जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने कहा कि जिल बैरक में महिला कैदी बंद थीस, उस बैरक में 14 महिलाएं मौजूद थी। किसी ने भी तिहाड़ जेल से इंदौर जेल रेफर हुआ पायल के पास मोबाइल नहीं देखा था। पायल जेल के अंदर एंड्राइड मोबाइल चला रही थी। महिला कैदियों को बड़ी कंपनियों का सीईओ बताती है। जेल में अचानक चेकिंग के दौरान जेल प्रबंधन ने मोबाइल जब्त किया गया। मामले की पुलिस को शिकायत की फिलहाल जेल अधीक्षक अलका सोनकर या मानकर ही कार्रवाई कर रही है कि जेल के और अधिकारियों की मिलीभगत से जेल में मोबाइल पहुंचा होगा।

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फिलहाल पूरे मामले की जांच बारीकी से की जा रही है। पुलिस को शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मोबाइल जप्त कर मोबाइल का डाटा रिकवरी के लिए लैब भेजा है। और कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस पता लगाने में जुटी है। कि महिला किन लोगों के संपर्क में जेल के अंदर से थी। साथ ही जेल के अंदर रहकर महिला की सोशल मीडिया को ऑपरेट कर रही थी। इसकी जानकारी दी पुलिस जुटाने में लगी हुई है।

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युवती इंजीनियरिंग की छात्रा
पायल इंजीनयरिंग की छात्रा है। उसने आधी पढ़ाई करके पढ़ाई छोड़ दी थी. उसके पिता भोपाल की एक नामी कम्पनी में काम करते थे। पायल ने दिल्ली, मुंबई, इंदौर और भोपाल में ठगी का जाल फैलाया था। वह बेहद शातिर है, तिहाड़ जेल में काफी दिनों तक बंद रही।उसके बाद भोपाल पुलिस वारंट पर लेकर पहुंची थी। फिलहाल उसे इंदौर की जिला जेल में रखा गया है। वह फिलहाल विचाराधीन कैदी है, किसी भी मामले में आरोप तय नहीं हुए हैं।

मोबाइल को अनलॉक करने से किया इंकार

मोबाइल में पैटर्न लाक लगा हुआ था। जेल अफसरों ने जांच के लिए अनलॉक करवाया लेकिन पायल ने पासवर्ड बताने से इन्कार कर दिया। वह बार-बार बयान भी बदल रही है। उर्वशी और पायल एक दूसरे पर आरोप लगा रही है। कुछ अन्य कैदियों पर भी फोन का उपोयग करने का शक है। जेल प्रशासन ने आवेदन के साथ मोबाइल संयोगितागंज पुलिस को सौंप दिया है। जांच के लिए साइबर सेल की भी मदद ली जा रही है। काल डिटेल और वाट्सएप चैटिंग की जांच कर पता लगाया जा रहा है कि महिलाएं किस-किस के संपर्क में थी।

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