यश खरे,कटनी। केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे को लेकर अलर्ट हैं और तैयारियां तेज कर दी हैं. आज देशभर में कोविड-19 मामलों में तेजी के बीच मॉक ड्रिल किया गया. लेकिन मध्यप्रदेश के कटनी जिले में अजब गजब नजारा देखने को मिला. जहां हकीकत में नहीं, बल्कि बंद कमरे में कोरोना की मॉक ड्रिल कर जिम्मेदारी पूरी कर ली गई.

दरअसल जिले में जिला प्रशासन को मॉक ड्रिल करना था कि अगर उनके क्षेत्र में कोई कोविड का पेशेंट आता है, तो उसे वह किस तरह से देखरेख कर इलाज देंगे. लेकिन कटनी जिला अस्पताल में बंद कमरे में ही पूरी मॉक ड्रिल को कंप्लीट कर लिया गया. शासन के पोर्टल पर डाटा चढ़ा दिया गया कि जिला अस्पताल में मॉक ड्रिल हो गई है, जबकि कहीं पर कोई भी मॉक ड्रिल जैसी चहल-पहल देखने को नहीं मिली.

महिला बंदियों को शिक्षा का पाठ पढ़ा रही जेल अधीक्षिका: पहले नहीं था क-ख-ग का ज्ञान, अब लिखने लगी अपना नाम, सैकड़ों महिला कैदी हुई साक्षर

यह सब कटनी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के चेंबर पर देखने को मिला, जहां पर कोविड से सम्बंधित डॉक्टर्स और सिविल सर्जन ने चेंबर में ही कंप्यूटर पर ऑनलाइन डाटा फीड कर दिया. जिसमें दर्शा दिया गया कि हमारे यहां मॉक ड्रिल हो गई, लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट की बात करें, तो ऐसी कोई मॉक ड्रिल जैसी चहल पहल पूरे जिला अस्पताल में कहीं भी देखने को नहीं मिली.

VIDEO: कवि कुमार विश्वास ने मध्यप्रदेश की सत्ता गिराने वाली ग्वालियर चंबल-अंचल को लेकर कह दी बड़ी बात, जानिए किस-किस को लिया निशाने पर ?

इस बारे में जब सिविल सर्जन से बात की गई, तो उनके कहा कि हमारे सभी ब्लॉकों के डॉक्टर प्रभारियों के द्वारा डाटा हमारे पास लाकर दे दिया गया था. जिससे हमारी मॉक ड्रिल की पूरी स्थिति जानकारी हमारे पास पहुंच गई थी. तो हमने कंप्यूटर पर चढ़ा दिया है. बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि कोई इमरजेंसी निर्मित हो गई और उसमें सफल नहीं हुए तो जिम्मेदार कौन होगा.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus