नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पिछले कुछ महीनों से काफी तनातनी चल रही थी. खासतौर पर डोकलाम के पास चीन के सड़क बनाने को लेकर भारत का लगातार विरोध जारी था. इसमें भारत को कूटनीतिक सफलता भी हासिल हुई और चीनी सेना ने अपने कदम वापस खींच लिए. इस विवाद के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन जाने वाले हैं. चीन के जियामेन में आज से 3 दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन की शुरुआत होगी. बता दें कि ब्रिक्स में 5 देश शामिल हैं, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं. ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान व्यापार, सुरक्षा, निवेश, आंतकवाद समेत कई अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी. इस बार ब्रिक्स सम्मेलन का थीम ‘उज्जवल भविष्य के लिए मजबूत साझेदारी’ है.

हो सकती है मोदी-जिनपिंग की मुलाकात

इस दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात भी हो सकती है. माना जा रहा है कि भारत डोकलाम विवाद पर चर्चा कर सकता है. हालांकि चीनी विशेषज्ञ का कहना है कि भारत और चीन आपस में किसी भी तरह की दुश्मनी रखें, फिलहाल तो इसकी कोई वजह नहीं है.

भारत उठा सकता है पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा

इस शिखर सम्मेलन में लगातार पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा दिए जाने का मुद्दा भी भारत उठा सकता है. इस पर चीन किस तरह प्रतिक्रिया देता है या उसका क्या रुख रहता है, ये देखने वाली बात होगी.

वन बेल्ट वन रोड पर चीन कर सकता है भारत को मनाने की कोशिश

इसके अलावा वन बेल्ट वन रोड पर चीन भारत को मनाने की कोशिश भी कर सकता है. बता दें कि ये सड़क परियोजना पीओके से गुजरताी है और भारत को इस पर कई आपत्ति है. खासतौर पर भारत अपने सुरक्षा के हितों के मद्देनजर इस परियोजना का विरोध करता है. भारत और चीन के बीच ये एक विवादास्पद मुद्दा है.