प्रदीप मालवीय,उज्जैन। स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत बुधवार को महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन किए. महाकाल के गर्भगृह में पुजारी ने मंत्रोच्चार के साथ पूजन और अभिषेक कराया. उसके बाद उज्जैन में सुजलाम अंतराष्ट्रीय जल महोत्सव सम्मेलन में शामिल हुए, जहां मोहन भागवत ने महाकाल परिसर में 60 किलो चांदी से बने जल स्तंभ का लोकार्पण किया.

आज सुजलाम अंतराष्ट्रीय जल महोत्सव सम्मेलन का दूसरा दिन है. 60 लाखों रुपए की लागत से 13 फिट ऊंचा जल स्तंभ बना है. 60 किलो चांदी से जल स्तंभ का निर्माण किया गया है. स्तंभ पर चार वेदों की ऋचाएं होगी, जिसके लिए परायण व अन्य कार्यक्रम 5 दिसंबर से ही श्री महाकाल मंदिर में जारी है. महाकालेश्वर मंदिर परिसर में मंदिर प्रबंध समिति के माध्यम से देश का पहला जल स्तंभ स्थापित हुआ है.

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महाकाल के आंगन में जल स्तंभ का निर्माण 60 किलो चांदी से किया गया है. इस पर चार वेद में जल तत्व का महत्व बताती चार ऋचाओं का अंकन है. प्रत्येक ऋचा के साथ हिन्दी में उसका अनुवाद भी उत्कीर्ण किया गया है. जल कुंड के मध्य में जल स्तंभ प्रतिष्ठित हैं. इसके चारों ओर रंगबिरंगी लाइटिंग भी लगाई गई है. देश व दुनिया को जल का महत्व बताने के लिए जल स्तंभ स्थापित किया गया है.

इसके साथ ही मोहन भागवत आज पंच महाभूत के जलतत्व पर सेमिनार के सारस्वत सत्र में शामिल होंगे. देश और दुनिया को उज्जैन से पानी बचाने का संदेश देंगे. संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत जल महोत्सव में शामिल होंगे.

जल स्तंभ

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