रायपुर। रायपुर केंद्रीय जेल से 250 से ज्यादा विचाराधीन कैदियों को 90 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है. उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की हाई पावर कमेटी ने प्रदेश की जेलों में बंद विचाराधीन और सजायाप्ता बंदियों को अंतरिम जमानत एवं पैरोल पर छोड़े जाने के संबंध में निर्देश जारी किए थे.

इस कमेटी के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री प्रशांत कुमार मिश्रा 12 मई को हाई पावर कमेटी की बैठक आयोजित कर, इस संबंध में व्यापक निर्देश दिये और जेलों को कोविड संकमण से बचाने के लिये इस बार अंतरिम जमानत पर छोड़े जाने योग्य मामलों का दायरा भी बढ़ाया गया, ताकि अधिक संख्या में बंदियों को अंतरिम जमानत का लाभ प्राप्त हो सके.

हाई पावर कमेटी का निर्देश प्राप्त होने के बाद रायपुर के जिला न्यायाधीश अरविंद वर्मा ने जिले के सभी न्यायिक अधिकारियों की आनलाइन बैठक लेने के साथ भी को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से जेल में बंद कैदियों की ओर से जमानत आवेदन प्रस्तुत किए गए.

13 मई से लेकर अब तक 250 से ज्यादा बंदियों को केंद्रीय जेल रायपुर से और उपजेल गरियाबंद से भी लगभग 15 कैदियों को 90 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है. 90 दिन की अवधि पूर्ण होने के बाद ये कैदी संबंधित न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे. इस बार हाई पावर कमेटी ने यह भी निर्देश दिया था कि पिछले वर्ष जिन बंदियों को अंतरिम जमानत का लाभ दिया गया था, लेकिन उन बंदियों ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया या जमानत पर रहते कोई अपराध किया हो, उन्हे इस बार अंतरिम जमानत का हकदार नही माना गया है.