मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना (Morena) जिले में दो गावों के लोगों ने मिलकर मतदान बहिष्कार (voting boycott) का ऐलान किया है। ग्रामीणों का कहना है कि मूलभूत सुविधाओं को लेकर कई बार सरंपच से कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आक्रोशित लोगों ने सड़क, स्कूल और निकट मतदान केंद्र नहीं होने पर वोट नहीं देने का फैसला लिया है।
यह मामला मुरैना जिले के ब्लॉक पहाड़गढ़ के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सेंथरी का है। हरिज्ञान का पुरा और कटेलापुरा में विगत 20 वर्षों से सड़क ही नहीं है। एक ओर भाजपा विकास के बड़े-बड़े वादे कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कई ग्राम पंचायत ऐसी भी पड़ी है, जहां पर मूलभूत सुविधाओं से लोग वंचित हैं, मिट्टी के कच्चे रास्ते है, जिसमें बड़े बड़े गड्ढे है, इससे आने जाने में काफी परेशानी होती है।
प्रशासन मौन…
कई बार सरपंच से कहने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रशासन बिल्कुल मौन है। इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने मजबूरन मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इन दोनों गांवों में कुल 766 मतदाता है। यहां पर जाने के लिए लगभग तीन से साढ़े तीन किलोमीटर का कच्चा रास्ता है। वहीं बच्चों की पढ़ाई के लिए न तो कोई स्कूल और न ही कोई अन्य सुविधा है।
ग्रामीण बोले- सुनवाई नहीं तो वोट नहीं
वहीं पूरे गांव का मतदान केंद्र इनके रहने के स्थान से लगभग साढ़े तीन किलोमीटर दूर है, उस कच्चे रास्ते से बुजुर्ग और महिलाओं को आने-जाने में बेहद परेशानी होती है। सड़क खराब होने की वजह से एंबुलेंस तक अंदर नहीं जाती। गांव वालों का यह भी कहना है कि कई बार प्रसुताओं की डिलीवरी भी सड़क कच्ची होने से रास्ते में ही हो जाती है। अगर इस बार हमारी सुनवाई नहीं हुई तो पूरे गोकुल का पुरा पोलिंग बूथ पर कोई भी वोट नहीं डाला जाएगा।
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