कपिल मिश्रा, शिवपुरी। भारत में 70 साल बाद फिर चीतों को बसाने की कवायद तेज हो गई है। दक्षिण अफ्रीका की शर्त के तहत कूनो नेशनल पार्क से तेंदुओं को माधव नेशनल पार्क शिफ्ट किया जा रहा है। मंगलवार को कूनो अभ्यारण्य में चीतों के बाड़े में घुसे तीन में से दो तेन्दुओं को रेस्क्यू कर माधव नेशनल पार्क में छोड़ा गया है।

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दरअसल, कुनो अभयारण्य में नामीबिया से चीते आने हैं जिनके लिए कूनो अभयारण्य में अलग से बाड़े बनाए गए थे, लेकिन चीतों के लिए बनाए गए बाड़े में तीन तेंदुए रहने लगे थे। जिन्हें बाहर निकालने के लिए अमला महीनों से जुटा हुआ था, तेंदुओं को बाड़े से बाहर निकालने के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से दो हाथी लाए गए हैं। जिसके बाद बाड़े में घुसे दो तेन्दुओं को रेस्क्यू कर उन्हें शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क छोड़ा गया है। एक तेंदुआ अभी भी बाड़े में घुसा हुआ है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है। अभयारण्य के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही उस तेंदुए को शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क छोड़ दिया जाएगा।

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गौरतलब है कि भारत को चीता देने के लिए नामीबिया ने तो MoU कर लिया था, लेकिन अभी तक दक्षिण अफ्रीका ने MoU नहीं किया है। अफ्रीका ने शर्त रखी है कि कूनो अभ्यारण्य में वह तभी चीता भेजेगा, जब वहां से तेंदुओं को हटा दिया जाएगा। यही वजह है कि कूनो अभ्यारण्य से तेन्दुओं को खदेड़ने का कार्य जोरों पर चल रहा है।

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