मनीष मारू,आगर मालवा। मप्र के आगर मालवा जिले के सुसनेर में एक पिता को अपने बेटे की किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए खुद के जन्म प्रमाणपत्र की जरूरत है, लेकिन वह 6 महीने से जन्म प्रमाण पत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. दरअसल सुसनेर निवासी 48 वर्षीय मोहनलाल माली की दोनों किडनी खराब हो चुकी है. इसके साथ ही इन्हें पेरालाइसिस भी हो गया. अब शरीर का आधा भाग काम नहीं कर रहा है.
मोहनलाल के पिता मोतीलाल माली का कहना है कि कीडनी ट्रांसप्लांट के लिए वे जयपुर के एक अस्पताल में गए थे, जहां से उन्हें अपना खुद का जन्म प्रमाण पत्र लाने के लिए कहा गया. उसके बाद से बीमार बेटे के बुजुर्ग पिता मोतीलाल स्वयं का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 6 महीने से परेशान हो रहे हैं. इसके लिए वे जनसुनवाई में जिला कलेक्टर अवधेश शर्मा के अलावा सुसनेर तहसीलदार व लोकसेवा केन्द्र के भी चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो चुके है.
जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मोहनलाल को जीवन देने के लिए उनका चचेरा भाई किडनी दान करना चाहता है, लेकिन दस्तावेजों के अभाव में मोहनलाल का यह ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. 6 माह से सरकारी दफ्तरों की खाक छान रहे बुजुर्ग पिता सरकारी सिस्टम के आगे थक गए. ऐसे में आज भी जन्म प्रमाण पत्र के अभाव में पिता अपने बेटे का कीडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन नहीं करवा पा रहे है.
एक तरफ प्रदेश में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान चलाया जा रहा है. घर घर सर्वे कर शासन की योजनाओं के लाभ वंचित हितग्राहियों को ढूंढ कर उन्हें योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. वहीं एक पिता अपने बेटे को जीवन देने के लिए इसी सरकारी सिस्टम से लड़ रहा है.
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