न्यामुद्दीन अली,अनूपपुर। बाल दिवस का दिन किरगी रोड कोटा छत्तीसगढ़ की 6 वर्षीय बालिका बीना झारिया और उसकी बूढी दादी के लिए सचमुच खुशियां लेकर आया. एक महीने से घर से भटक कर अनूपपुर पहुंची बीना को बाल दिवस पर दोबारा अपना घर मिल गया है. 15 नवंबर को बीना का जन्मदिन है और वह अपने परिजनों के साथ अपना जन्मदिन मनाएगी.

बाल विकास सुरक्षा व संरक्षण को लेकर कार्यरत बाल कल्याण समिति ने जिले में बच्चों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में कोटा छत्तीसगढ़ की 6 वर्षीय बालिका को उसके घर परिजनों को सौंपा. समिति के सदस्य ललित दुबे ने बताया कि बीना एक महीने पहले अनूपपुर रेलवे स्टेशन के पास भटकते हुए मिली थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए बाल कल्याण समिति ने बालिका को संरक्षण में लेकर वन स्टाप सेंटर में रखा था.

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बच्ची की काउंसलिंग शुरू कर उसके परिवार वालों की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया गया. सही तरीके से अपने परिजनों का पता नहीं बता पा रही थी, जिस पर समिति ने बालिका के परिजनों को तलाश करने के लिए विभिन्न प्रयास किए. बालिका से लगातार बातचीत कर उसके परिवार का पता लगाने का प्रयास किया जाता रहा.

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बच्ची से पूछताछ में पता चला कि वो लोरमी के आस पास की रहने वाली है. इस पर समिति सदस्य ललित दुबे ने सामाजिक कार्यकर्ता बजरंग जायसवाल जो कोटा छत्तीसगढ़ के निवासी हैं, उनसे मदद के लिए कहा गया. बजरंग जायसवाल ने कोटा छत्तीसगढ़ के आसपास पतासाजी की गई. जिस पर बीना के परिजनों को तलाश कर लिया गया. बालिका की बुजुर्ग दादी बालिका बीना के लिए परेशान थी.

कोटा पुलिस के सहयोग से लगातार बातचीत करते हुए बाल दिवस पर बच्ची बीना की दादी को बालिका सुपुर्द कर दी गई. बालिका अपनी दादी को मिलकर खुशी से झूम उठी. दादी भी भावुक हो गई और अपने आंसू नहीं रोक सकी. दादी पोती के मिलन से समिति का माहौल खुशनुमा हो गया. 15 नवंबर को बीना का जन्मदिन है और वह अपने परिजनों के साथ अपना जन्मदिन मनाएगी.

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