मुकेश मिश्रा,अशोकनागर। बेटी बोझ नहीं होती, बल्कि घर की लक्ष्मी होती है. इसलिए बेटी होने पर जश्न मनाना चाहिए. ठीक ऐसा ही मप्र के अशोकनगर जिले में देखने को मिला. बेटी के जन्म होने पर एसडीएम रवि मालवीय की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. SDM ने बेटी के जन्म को यादगार बनाने के लिए घर आने के पहले ही घर को फूल और आकर्षक साज-सज्जा के साथ तैयार करावा दिया था. अस्पताल से 6 दिन बाद मां और बेटी को ढोल नगाड़े और आतिशबाजी के साथ गृह प्रवेश कराया.
एसडीएम रवि मालवीय चालते हैं कि उनकी बेटी अच्छे माहौल में घर में प्रवेश करें. बेटी को अस्पताल से लेने के लिए SDM खुद अपने वाहन से पहुंचे. वाहन से पत्नी और बेटी के साथ अपने घर पहुंचे. घर पहुंचते ही ढोल नगाड़े के साथ जमकर आतिशबाजी हुई.
इसके बाद बेटी को घर में प्रवेश कराते ही परिजनों ने बेटी की आरती उतारी. बेटी के चरणों के निशान भी लिए गए. जिन्हें अपनी यादों के रूप में सहेजने का काम SDM ने किया. खुशी के माहौल में आसपास सभी लोगों को मिठाईयां भी बांटी.
SDM रवि मालवीय का कहना है कि “बेटी है तो कल है” इस संदेश को सभी लोगों को स्वीकारना चाहिए. इसीलिए बेटी के जन्म लेने पर मुझे बहुत अत्यधिक खुशी मिली है. मैं चाहता हूं कि आज के युग में बेटियां खूब तरक्की कर अपने मां-बाप का नाम रोशन करती हैं. इसीलिए हर वह व्यक्ति भाग्यशाली होता है, जिसके यहां बेटी का जन्म होता है.
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