अमृतांशी जोशी,भोपाल। राजधानी भोपाल में आज मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग संयुक्त संघर्ष मोर्चा का सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें अपाक्स ने कमलनाथ के सामने विधानसभा चुनावों में 50% विधानसभा टिकट ओबीसी समाज 6 सूत्रीय मांगे रखी है. विवेक तनखा ने संबोधन में कहा कि 93-94 से 2004 तक हमने ओबीसी को 27 % आरक्षण दिया. बीजेपी की सरकार आने के बाद मिलना बंद हुआ है. 80 की दशक में महाजन कमीशन ने एमपी में ओबीसी को चिन्हित किया, उसी आधार पर आरक्षण देकर एमपी चुनाव हुए, लेकिन ये बात हमारी सरकार ने कोर्ट को समझाया नहीं. सरकार ओबीसी के लिए लड़ाई नहीं करती है.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि सभी विभिन्न समाज के बीच में आकर ख़ुशी मिली. आपके आमंत्रण से बल और शक्ति मुझे मिलती है. 27 प्रतिशत का मामला कोर्ट में गया, तो उस मामले का व्यक्ति का वकील कौन था. जो व्यक्ति इस पूरे मामले के खिलाफ कोर्ट में गया वो बीजेपी का एडवोकेट जनरल है. बीजेपी की सरकार बनते ही उनके पद मिल गया. ये जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवाते है ? मैं मज़बूती से कह सकता कि पिछड़ा वर्ग 55 प्रतिशत है. जातिगत जनगणना से क्यों ये घबराते है ?
सरकार बनते ही जातिगत जनगणना करवायेंगे
कमलनाथ ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि हम अपनी सरकार बनते ही जातिगत जनगणना करवायेंगे. इनकी ये सब करने की नियत नहीं है. मैंने ठाना था की क़ानून बनाऊँगा. मेरे पीछे किसी को पड़ना नहीं पड़ा. मैं आश्वासन देना चाहता हूँ जो न्याय आप से करना है वो कमलनाथ करेगा. आज बेरोज़गारी सबके सामने है. आर्थिक गतिविधि बढ़ाना मुख्य मक़सद होना चाहिए. मैं कहता था GDP छोड़िये मैंने मनमोहन सिंह जी को बोला इसका इंडेक्स बताइए. हमने किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया. हमारे कार्यकाल में किसी को बीज खाद के लिए भटकना नहीं पड़ा.
अधिकारियों पर उठाए सवाल
कमलनाथ ने अधिकारियों के काम पर फिर सवाल उठाये. अधिकारी 15 साल IAS बना, उसने बस बीजेपी देखी थी. मेरी लिए चुनौती थी की इनका रवैया बदलो. हमारे शासकीय दल को नींद नहीं आनी चाहिए. जब तक काम ना हो. ये ना हो पा रहा है, तो ऐसे अधिकारी की हमें ज़रूरत नहीं है. जब नीमच में अतिवृष्टि हुई मैं सर्वे करने गया. मैंने शाम को आकर अधिकारियों की मीटिंग बुलाई और कहा कि एक हफ़्ते में मुआवज़ा सौंपा जाए. लेकिन अधिकारी बोले समय लगेगा. पहले तहसीलदार सर्वे करेगा. मैंने साफ़ कह दिया कि मैं सर्वे कर के आया हूँ वो काफ़ी नहीं है. मुआवज़ा दो वरना तुम्हारे कमरे में ताला लगा दूँगा.
ये चुनाव मध्यप्रदेश के भविष्य का है. आप लोग प्रदेश की तस्वीर देखते हुए सच्चाई का साथ दें. ऐसा चुनाव फिर कभी नहीं होगा. मणिपुर में आज क्या हो रहा है. मणिपुर को आपको गंभीरता से समझना होगा. कैसे आदिवासी और गैर आदिवासियों को लड़ाया का रहा बै. आउटसोर्स को उन्होंने फैशन बना दिया है. सब जगह आउटसोर्स नहीं होना चाहिए. कुछ नियम तो बना देते लेकिन अब सब याद आ रहा है.
अपाक्स की ये हैं 6 प्रमुख मांगें
- OBC को 27% आरक्षण को निश्चित समय में सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट से निराकरण कर घोषणा पत्र में शामिल करवाना.
- आगामी चुनाव में राजनीतिक दलों की घोषणा पत्र में OBC आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करवाना.
- SC ST OBC को जातिगत जनगणना राजनीतिक दलों की घोषणा पत्र में शामिल करवाना.
- निजी संस्थानों में एसी ST OBC का आरक्षण की घोषणा पत्रों में शामिल करवाना.
- OBC को SCST के समान में सुविधा जैसे व्यापार व्यवसाय आवंटन इत्यादि में लाभ दिलाने के लिए घोषणा पत्र में शामिल करवाना.
- आगामी विधानसभा चुनावों में OBC को 50 प्रतिशत सुनिश्चित कराने.
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