नीरज काकोटिया,बालाघाट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट जिले (Balaghat District) के वारासिवनी (Varasivani) में अतिक्रमण पर प्रशासन का बुलडोजर चला है। हाईकोर्ट के फरमान के बाद हरकत में आए राजस्व अमले ने वर्षों से जमे अतिक्रमणकारियों के निर्माण को ढहा दिया। इस दौरान उन्होंने न कोई फरियाद सुनी और न ही किसी की समस्या सुनी। सीधे जेसीबी चलाकर अतिक्रमण को तोड़ना शुरू कर दिया। यहां पर कुल 73 अतिक्रमण है, लेकिन 18 के स्थगन आदेश के बाद 55 अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई है।
बताया जा रहा है कि अतिक्रमण के मामले में ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। दरअसल वारासिवनी सिंचाई विभाग की छोटी नहर पर अतिक्रमण कर आलिशान बिल्डिंग दुकान, सहित बॉउंड्रीवाल का निर्माणकर लिए गए हैं। किसी ने प्लॉटिंग कर रास्ता निकाल दिया,तो किसी ने अपने मन मर्जी से कुछ भी निर्माण करवा लिया। हैरानी वाली बात तो ये है कि नगरपालिका ने भी कुछ को लीज जारी कर दी। इन सब के बावजूद सिंचाई विभाग बेखबर रहा।
वारासिवनी के आनंद ताम्रकार ने मामले मे शिकायत की। लेकिन विभाग व प्रशासन ने अनसुना कर दिया। इसके बाद उन्होंने जबलपुर हाईर्कोट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट में याचिका दर्ज की। इस मामले में 6 साल पूर्व अतिक्रमण हटाने के आदेश हुए थे। लेकिन प्रशासन ने इसे भी नजरंदाज किया। जिसके बाद याचिकाकर्ता फिर से उच्च न्यायलय गया। कोर्ट ने प्रशासन को फटकार लगाई और फिर से आदेश देते हुए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिससे प्रशासन हरकत मे आ गया और अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई की गई हैं।
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