समीर शेख,बड़वानी/एनके भटेले,भिण्ड। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के निवाली एकलव्य आदर्श आवासीय बालिका छात्रावास की अधीक्षिका को छात्राओं की शिकायत के बाद हटा दिया गया है। इधर भिण्ड के शासकीय उत्कृष्ट सीनियर बालक छात्रावास में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। छात्रों ने भिण्ड कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने छात्रावास अधीक्षक पर प्रताड़ित करने समेत गंभीर आरोप लगाए हैं।

बड़वानी के निवाली में पैदल मार्च निकालती छात्रावास की बालिकाओं यह नजारा देखकर आपको लग रहा होगा कि किसी आयोजन, सांस्कृतिक समारोह या स्कूल जा रही होगी, लेकिन एकलव्य आदर्श आवासीय बालिका छात्रावास की यह बालिका हॉस्टल वार्डन के दुर्व्यवहार से त्रस्त होकर एक साथ कलेक्टर से शिकायत करने के लिए पैदल ही निकल पड़ी। जैसे ही यह बात अधिकारियों को पता चली, तुरंत जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आए और लगभग निवाली के पास जाकर इन बालिकाओं को रोका, जो कम से कम 5 से 6 किलोमीटर तक पैदल चल चुकी थी।

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अधिकारियों ने इन्हें समझाया और जिला कलेक्टर शिवराज वर्मा से फोन पर बात कराई गई। बातचीत के बाद यह बालिकाएं मान गई और छात्राओं की शिकायत के बाद जिला कलेक्टर ने तुरंत एक्शन लेते हुए हॉस्टल वार्डन को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उनकी जगह गर्ल्स स्कूल की प्राचार्य को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। निवाली नायब तहसीलदार जगदीश मुवेल ने बताया कि फिलहाल हॉस्टल की जांच के लिए जा रहा हूं और अगर किसी भी तरह की अनियमितताएं पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी।

भिण्ड कलेक्ट्रेट में अचानक बच्चों की भीड़ देख हर किसी की नजर ठहर गई। हर कोई जानना चाहता था कि कलेक्टर कार्यालय में बच्चे क्यों इकट्ठा हुए हैं। इसका जवाब तब मिला जब बच्चों ने बताया कि वे मेहगांव से आये हैं और शासकीय उत्कृष्ट सीनियर छात्रावास के छात्र हैं। एक दर्जन से ज्यादा छात्र कलेक्टर के पास छात्रावास अधीक्षक रवि तिवारी की शिकायत लेकर पहुंचे थे। हालांकि कलेक्टर की गैरमौजूदगी में उन्होंने शिकायत पत्र एसडीएम उदय सिंह सिकरवार को सौंपते हुए छात्रावास अधीक्षक बदलने की मांग की है।

सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं से छात्र वंचित

हॉस्टल में चल रही अनियमितताओं को उजागर करते हुए बच्चों ने बताया कि छात्रावास अधीक्षक रवि तिवारी उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रहे है। गुणवत्ताहीन भोजन दिया जा रहा, शाम के खाने में मेन्यू से मुखर हमेशा आलू की सब्ज़ी ही बनाई जाती है। खाने में बनने वाली पूड़ियां भी कच्ची होती हैं जब भोजन को लेकर अधीक्षक से शिकायत करते हैं तो बजाय समस्या दूर करने के हॉस्टल अधीक्षक बच्चों को प्रताड़ित करते है और हॉस्टल से निकाल देने की धमकी दी जाती है। वहीं सरकार की ओर से हॉस्टल में दी जाने वाली सुविधाएं भी नही दी जा रही, नया चादर मांगने पर हॉस्टल इंचार्ज गाली गलौज पर उतर आते है। बच्चों ने जानकारी देते हुए बताया की अधीक्षक रवि तिवारी शाम में आए दिन कार्यालय में गेट बंद कर अपने अधीनस्त चपरासी और अन्य स्टाफ के साथ ऑफिस में अंडे बनाकर शराब का सेवन भी करते हैं। छात्रावास में लगातार नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।

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शिकायत करने पर वे मीडिया और अधिकारियों को रुपयों के दम पर खरीदने तक की धमकी देते हैं। वहीं चोरी जैसा आरोप लगाते हुए छात्रावास अधीक्षक ने दो छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया है, जबकि बच्चों का क़सूर सिर्फ इतना था कि वे हॉस्टल में हुए फीस्ट के खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायत कर रहे थे। हॉस्टल से निकाले गए एक छात्र ने तो बताया कि उसका घर छात्रावास से 20 किलोमीटर दूर है और अधीक्षक रवि तिवारी ने उसे शाम 6 बजे हॉस्टल से निकाल दिया जिसपर उसे रात में पैदल 10 किलोमीटर दूर अपने रिश्तेदार के घर जाना पड़ा। उनके बर्ताव से परेशान छात्र अब हॉस्टल अधीक्षक बदलने की माँग कर रहे है।

बच्चों ने बताया कि कुछ समय पहले भिण्ड कलेक्टर भी उनके हॉस्टल में निरीक्षण के लिए गए थे जहां उनसे भी खाने को लेकर शिकायतें की थी, जिस पर कलेक्टर ने व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी आज तक कोई सुधार नहीं आया है।

जिला संयोजक ने आरोपों पर किया बचाव

वहीं जिला संयोजक संजय गुप्ता बच्चों की समस्या पर ध्यान देने के बजाय उन्हें ही गलत ठहराने और मामले को रफादफा करने की कोशिश में दिखाई दिए। संजय गुप्ता ने कहा कि सभी समस्याएं तो दूर नही होंगी, लेकिन जायज समस्याओं का निदान कराएंगे। पूर्व में भी बच्चों ने शिकायतें की थी, उन्हें दूर किया था। वहीं छात्रावास में शराब पीने के आरोप पर बचाव करते हुए कहा कि चपरासी क्वार्टर में शराब का सेवन की बात कही। बच्चों को हॉस्टल से निकालने पर कहा कि उनके कोई मुद्दे रहे होंगे। इनके बारे में व्यक्तिगत बातचीत कर मसले को हल करेंगे। बच्चों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

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