अमित कोड़ले, बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आदिवासी युवक की पिटाई मामले में एक नया मोड़ आ गया है. आदिवासी युवक से मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो युवकों को कोर्ट ने जमानत दे दी है. इस मामले में आरोपी बनाए गए चंदन सरदार और उनके वकील ने पुलिस पर गलत व्यक्ति को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का सनसनीखेज आरोप लगाए है.

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चंदन सिंग बग्गा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे थाने बुलाया था और उससे साइन करवाई थी. आदिवासी युवक राज उइके से मारपीट के मामले से उसका कोई संबंध नहीं है. जिसका एक एफिडेविट राज उइके ने कोर्ट में पेश किया है. जिसमें कहा गया है कि उसके साथ में मारपीट में चंदन सिंग बग्गा का कोई हाथ नहीं है. वहीं, वकील ने भी पुलिस पर बिना जांच किए चंदन सिंग बग्गा की गिरफ्तारी करने का आरोप लगाया है.

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वकील का कहना है कि पुलिस ने चंदन सरदार की जगह चंदन सिंग बग्गा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है. मारपीट का शिकार हुए राज उइके ने भी कोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर चंदन सिंग बग्गा द्वारा मारपीट नहीं करने की घटना में शामिल नहीं होने की बात कही है. अब वह इस मामले की पुलिस के उच्च अधिकारियों से शिकायत भी करेंगे.

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इधर, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि पुलिस ने सही गिरफ्तारी की थी. जो नामजद एफआईआर के आधार पर चंदन सरदार और चंचल राजपूत की भी गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में पेश किया था. जहां पर फरियादी द्वारा एक शपथ पत्र दिया था, जिसके आधार पर उनकी जमानत हो गई है. पुलिस की जांच जारी है. पुलिस अन्य साक्ष्य के साथ जांच करेगी, तभी हम कुछ कह पाएंगे.

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