अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में ईशनिंदा कानून (Blasphemy law) लागू किया जा सकता है। धार्मिक न्यास मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि ईशनिंदा कानून को प्रदेश में लागू करने के लिए विचार किया जा सकता है। संस्कृति बचाओ मंच ने भी ईशनिंदा कानून लागू करने की मांग की है।
वहीं धार्मिक न्यास मंत्री उषा ठाकुर ने आलिया और रणबीरके खिलाफ उज्जैन में बजरंग दल के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति में गौमाता का स्थान सबसे ऊपर है। गोमांस खाने वाले लोगों को कोई हक नहीं है वो भगवान शिव को जाकर दर्शन करें। नंदी बाबा तो शिव की सवारी हैं। इनकी कथनी-करनी में उन्हें दर्शन करने का हक नहीं है। कोई भी हिंदू धर्म का मखौल बनाकर चैन से नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने श्रीराम के होने पर कोर्ट में सवाल उठाया था। हिंदू की वास्तविक परिभाषा कांग्रेस नहीं जानती। आज उसकी हालत क्या है सबको पता है। जिसको भी सुखी रहना है वो हिंदुत्व को अपना ले।
वहीं संस्कृति बचाओ मंच ने ईशनिंदा कानून लागू करने की मांग की है। संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि ईशनिंदा कानून लागू होना चाहिए। साथ ही आलिया भट्ट और रणबीर कपूर को महाकाल मंदिर में प्रवेश नहीं करने देने का स्वागत करते हैं।
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क्या है ईशनिंदा कानून ?
ईशनिंदा का मतलब इंसान जानबूझकर किसी धर्म का मजाक बनाना। किसी धर्म प्रतीकों, चिह्नों, पवित्र वस्तुओं का अपमान करना, पूजा करने की जगह को नुकसान पहुंचाता है, धार्मिक कार्य में बाधा पहुंचाता है, धार्मिक भावनाओं का अपमान करता है या इन्हें ठेस पहुंचाता है, ईश्वर के सम्मान में कमी या पवित्र या अदृश्य मानी जाने वाली किसी चीज के प्रति अपमान करना ईशनिंदा माना जाता है। ईशनिंदा पर कई देशों में अलग-अलग कानून हैं। कई देशों में तो इसके लिए मौत की सजा तक का प्रवधान है।
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