शब्बीर अहमद,भोपाल। रेप के आरोप में भोपाल सेंट्रल जेल में बंद वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा को कोर्ट ने बरी कर दिया गया है. समृता सिंह ठाकुर की अदालत ने यह फैसला सुनाया है. एक साल बाद मिर्ची बाबा जेल से बाहर आएंगे. रायसेन की निसंतान महिला को नशीली भभूती खिलाकर रेप करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद भोपाल पुलिस ने मिर्ची बाबा को ग्वालियर से गिरफ्तार किया था.

क्या है मामला ?

बता दें कि वैराग्यानंद गिरि उर्फ मिर्ची बाबा पर रायसेन की रहने वाली 28 साल की महिला ने भोपाल के महिला थाने में 8 अगस्त को रेप का केस दर्ज कराया था. बाबा को ग्वालियर के होटल से 9 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया गया था. तब से बाबा केन्द्रीय जेल भोपाल में बंद थे. महिला का आरोप था कि उसकी शादी को चार साल हो चुके हैं. बच्चे नहीं हैं, इसलिए मिर्ची बाबा के संपर्क में आई थी. बाबा ने इलाज के नाम पर महिला को नशे की गोलियां खिलाकर रेप किया.

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पोटेंसी टेस्ट की भी मांग की थी

मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्यानंद गिरि ने ‘मर्दानगी टेस्ट’ यानी पोटेंसी टेस्ट की भी मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि चालान पेश होने के बाद टेस्ट की अनुमति नहीं है. मिर्ची बाबा के वकील ने मर्दानगी टेस्ट को लेकर याचिका लगाई थी. मिर्ची बाबा के साथ जेल में मारपीट भी हो चुकी है.

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ऐसे चर्चा में आए थे मिर्ची बाबा

मिर्ची बाबा उस समय चर्चा में आए थे, जब पिछले लोकसभा चुनाव में भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जीत के लिए पांच क्विंटल मिर्ची से यज्ञ किया था. उसने दावा किया था कि अगर दिग्विजय सिंह नहीं जीते तो वह जलसमाधि ले लेंगे. दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से चुनाव हार गए, लेकिन मिर्ची बाबा ने यह कहते हुए अपना बचाव किया था कि भक्त नहीं चाहते कि वह जलसमाधि लें.

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