राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले आंदोलनो का दौरा जारी है। ये विरोध जहां एक तरफ शिवराज सरकार की किरकिरी करने के साथ ही उसका शिरदर्द तो बढ़ा ही रहे हैं। दूसरी तरफ  प्रदेश की आम जनता को भी खासा परेशान होना पड़ रहा है। चुनावी साल में कर्मचारियों को पूरी आस है कि उनकी मांगे पूरी हो जाएगी। ऐसे में अब प्रदेश के बिजलीकर्मी आंदोलन की राह पर हैं। अगर ये आंदोलन पर जाते हैं तो प्रदेश में बिजली की समस्या पैदा हो सकती है। 

बता दें कि आंदोलन के लिए राज्य के तीन बड़े बिजली कर्मचारी संगठन साथ आ गए हैं। सभी कर्मचारी अपनी मांगे न मानने और बिजली कर्मियों की महापंचायत नहीं बुलाने से नाराज है। इस संबंध में उन्होंने ऊर्जा सचिव के लिखित समझौते के बाद भी मांगे पूरी नहीं होने का हवाला दिया है। 

बता दें कि मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ, यूनाइटेड फोरम, पांवर इंजीनियर एम्पलाईज एसोसिएशन आज 2 अक्टूबर को उपवास कर ध्यान आकर्षण कराएंगे। वहीं 6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। ऐसे में प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो सकती है।ये बिजली कमर्चारी  निजीकरण, वेतनमान, संविलियन सहित अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर है। 

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