शब्बीर अहमद, भोपाल। ग्लोबल वार्मिंग से बचने और पर्यावरण संतुलन के लिए पेड़ों का होना जरुरी है। यदि पेड़ नहीं होंगे तो पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा और समय पर बारिश भी नहीं होगी। बारिश नहीं होने से, नदी, तालाब, बांध और कुएं का जल स्तर घट जाएगा। हमें पेयजल के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। पर्यावरण प्रेमी पेड़ों के संरक्षण के लिए अलग अलग तरह से जतन करते है और लोगों को प्रेरित भी। कई लोग बिना प्रचार प्रसार अपना योगदान देते हैं, तो कई लोग खुलकर पेड़ों की कटाई का विरोध भी करते हैं।

इसी कड़ी में राजधानी भोपाल में पेड़ काटने पर अनोखा विरोध किया गया। शहर के पर्यावरण प्रेमियों ने जहां पेड़ काटे गए वहां जाकर (पेड़ के बचे हिस्से (ठूंठ) पर फूल चढ़ाकर) श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि देने गए लोग पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले वाक्य लिखे तख्तियां हाथों में लेकर पहुंचे थे। तख्तियों में ये स्लोगन.. सांसे हो रही कम, आओ पेड़ लगाए हम, पेड़ पौधे मत करो नष्ट, सांस लेने में होगा कष्ट… लिखे थे। लोगों ने पेड़ काटने वालों को सद्बुद्धि देने और पौधरोपण के लिए प्रेरणा की कामना की।

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पर्यावरण प्रेमियों ने बताया कि शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पिछले 3 दिन में लगभग 40 पेड़ काट दिए गए हैं। उनका आरोप है कि काटना जरूरी नहीं था, फिर भी पेड़ काट दिए गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि एम्स (Aims) की बाउंड्रीवॉल के पास पेड़ काटे गए है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हम विकास का विरोध नहीं कर रहे हैं। प्रोजेक्ट की जद में आने वाले पेड़ों की कटाई तो ठीक है किंतु आसपास के पेड़ों की भी कटाई कर दी गई है। लोगों ने कहा कि जितने पेड़ काटे गए उस अनुपात में पौधरोपण भी करना चाहिए। यह नियम में भी है।

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