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शब्बीर अहमद,भोपाल। राजधानी भोपाल के भेल दशहरा मैदान में भारतीय सिंधु सभा के बैनर तले आज अमर बलिदानी हेमू कालाणी की जन्म शताब्दी समापन समारोह आयोजित किया गया । इस सम्मेलन में देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संचालक मोहन भागवत भी शामिल हुए। वहीं उनके साथ प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने इंदौर हादसे में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की।
समारोह के मंच से संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि सिंधी समाज का योगदान बराबरी का रहा, पर उल्लेख कम होता है। अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए ये बलिदान हुए। जब सिंधु से हटने की बारी आई तो आपने भारत को नहीं छोड़ा। आप पराक्रमी हैं। 1947 से पहले वह भारत था। सिंधु संस्कृति थी। कोई कहेगा तो बताना पड़ेगा। भारत खंडित हो गया, उसे बसाना पड़ेगा। हम आ गए, पर मन से नहीं छोड़ा। भारत कहें तो हम सिंधु नदी को नहीं भूल सकते। ये नाता नहीं तोड़ सकते। हम कुछ नहीं भूलेंगे। क्योंकि यह कृत्रिम विभाजन है। पाकिस्तान के लोग कह रहे हैं कि यह गलती हो गई। जो अपनी हटधर्मिता के कारण भारत से अलग हुए, वह दुख में हैं। जो भारत के साथ यहां आए, वह फिर से खड़े हो गए।
संघ प्रमुख ने कहा कि उस समय गलती हुई, उसका सुधार यही है। आप तैयार रहिए, हम आक्रमणकारी नहीं है, पाकिस्तान पर आक्रमण नहीं करेंगे, पर ऐसा खुद ही होगा। आप दोनों तरफ का भारत जानते हो, वहां भारत को बसा सकते हो। छोटे स्वार्थ को छोड़कर एकजुट हों। सनातन परंपरा सब के लिए है। हमें लड़ाने वालों से बचाना, ऐसा हो तो संभालना। तब कुटिल षड्यंत्र असफल होते हैं। हम सिंधु हैं, मतलब हिंदू हैं। आपकी ताकत के साथ संघ खड़ा रहेगा। इससे ज्यादा कहने की जरूरत नहीं, इशारा समझिए।
आपने सिंध छोड़ा लेकिन पूरा हिन्द आपका – सीएम शिवराज
कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने अपने संबोधन की शुरुआत सिंधी भाषा में अभिवादन के साथ की। उन्होंने सिंध प्रांत की विशेषता बताई और बंटवारे के दौर को याद करते हुए कहा कि सिंधी समुदाय के लोगों ने अपनी संस्कृति, अपने धर्म की रक्षा के लिए अपनी भूमि छोड़ दी। उन्होंने अपना जीवन शून्य से शुरू किया और खुद को स्थापित किया। हमें अपनी जड़ों को छोड़ना पड़ेे तो इसका दर्द रहता है। युवाओं से आग्रह है कि अपनी जड़ों से जुड़े रहें। संस्कृति, परंपरा, वेशभूषा, भाषा, खानपान, महापुरुष न भूलें। सिंधियों को नागरिकता देने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। आपने सिंध छोड़ा, लेकिन अब पूरा हिंद आपका है।
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सीएम शिवराज ने कहा कि मप्र की पाठ्य पुस्तक में सिंधी महापुरुषों को पढ़ाया जाएगा। सम्राट दाहिर सेन, हेमू कालाणी की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे। सिंधु दर्शन के लिए जाने वालों को 25 हजार रुपये अनुदान देंगे। मप्र में सिंधू समाज के महापुरुषों और सिंधु सभ्यता का संग्रहालय बनाया जाएगा। सिंधु सभ्यता का सभी कुछ रहेगा। सिंधी पट्टो के लिए 1 प्रतिशत राशि लेकर स्थायी भूमि देंगे। ये भीख नहीं आपका अधिकार है। आज ही आदेश निकलेंगे।
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