शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे इस बार यह भी तय करेंगे कि राज्य में किस नेता का कितना प्रभाव है। यहां बात उन स्टार प्रचारकों की हो रही है जिन्होंने एमपी इलेक्शन में अपना पूरा जोर लगाया। कई सभाएं की और रोड शो के जरिए भी अपने प्रभाव से कितना मतदाताओं को लुभा पाए। यह महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि करीब पांच माह बाद लोकसभा चुनाव का आगाज होगा। लिहाजा 03 दिसंबर के चुनाव परिणाम न सिर्फ मध्यप्रदेश की सत्ता के लिए बल्कि स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल दिग्गजों के लिए भी अग्नि परीक्षा से कम साबित नहीं होंगे।

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PM मोदी ने 12 केंद्रीय मंत्रियों के साथ की जनसभाएं 

मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर स्टार प्रचारकों का जोर न सिर्फ संबंधित नेताओं की जनता में लोकप्रियता बल्कि केंद्र की सत्ता के लिए भी अहम होंगे। मध्यप्रदेश में चुनावी कैंपेन पर नजर डाली जाए तो पीएम मोदी ने प्रदेश में 14 जनसभाएं की। इसके अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा समेत 12 केंद्रीय मंत्री एमपी इलेक्शन के लिए चुनावी मैदान में उतरे थे। 

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 10 और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नौ सभाएं मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान की थी। राहुल गांधी ने आदिवासी और ओबीसी बहुल जिलों में ज्यादा ध्यान दिया तो वहीं खरगे की सभाएं एससी (SC) बहुल क्षेत्रों पर केंद्रित रही। प्रियंका ने आदिवासी अंचलों पर ज्यादा ध्यान दिया। 

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इन क्षेत्रों में दिग्गजों ने दिखाया दम

पीएम मोदी ने रतलाम, खंडवा, सिवनी, सीधी, दमोह, गुना, मुरैना, सतना, छतरपुर, नीमच, बड़वानी, बैतूल, शाजापुर, से झाबुआ और इंदौर में रोड शो किया। राहुल गांधी ने राहुल गांधी अशोक नगर, सतना, राजपुर (बड़वानी), जावद (नीमच), टिमरनी (हरदा), विदिशा, खरगापुर (टीकमगढ़) और जबलपुर एवं भोपाल में रोड शो किए। मायावती ने मुंगावली (अशोकनगर), निवाड़ी, सतना, रीवा, सेवढ़ा (दतिया), लहार (भिंड), मुरैना, पथरिया (दमोह) और बंडा (सागर) में सभाएं की। तो अखिलेश यादव ने दमोह, पिछोर (शिवपुरी), धौहनी (सीधी), पन्ना, छतरपुर, जतारा (टीकमगढ़), निवाड़ी, जौरा (मुरैना) और बहोरीबंद (कटनी) ने दम लगाया। 

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स्टार प्रचारकों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों दंभ भर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी का मानना है कि विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय नेताओं का असर ज्यादा दिखाई दिया। लिहाजा आगामी तीन दिसंबर के परिणाम लोकसभा की तस्वीर को साफ करेंगे। उन्होंने आरोप भी लगाया कि बीजेपी के स्टार प्रचारक के पास न तो विजन था और न ही मुद्दे। और तो और जनता के मन के जवाब भी बीजेपी के राष्ट्रीय नेता नहीं दे पाए। कागजी उपलब्धियां नकारात्मक प्रभाव प्रदेश की जनता पर पड़ा। 

कांग्रेस के बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बीजेपी नेता दीपक विजयवर्गीय ने दावा किया कि केंद्रीय नेताओं का सबसे ज्यादा प्रभाव प्रदेश की जनता पर पड़ा है। रही बात 2024 की तो लोकसभा चुनाव में मोदी का चेहरा ही पूरे देश के लिए काफी है। 

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