शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में लंबी खींचतान के बाद आखिरकार पंचायत चुनाव को निरस्त कर दिया गया है. जिससे चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के साथ-साथ प्रिंटिंग प्रेस वालों को भी बड़ा झटका लगा है. दरअसल पहले चरण में जहां मतदान होना था, वहां के प्रत्याशियों ने बैनर-पोस्टर छपने के ऑर्डर दे दिए थे और प्रिटिंग प्रेस वालों ने इसकी छपाई भी कर दी थी, लेकिन चुनाव कैंसिल हो जाने से प्रत्याशी बैनर, पोस्टर और पंपलेट नहीं ले जा रहे हैं.
दरअसल, निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव पर रोक का आधिकारिक ऐलान कर दिया है. इससे पहले सरकार ने कैबिनेट में पंचायत चुनाव अध्यादेश को वापस लेने का फैसला किया था. जिसे राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी थी. अब निर्वाचन आयोग ने भी इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है, लेकिन 6 जनवरी को पहले और 28 जनवरी दूसरे चरण के प्रत्याशियों ने प्रचार सामग्री छपवा ली थी, लेकिन मतदान से 9 दिन पहले चुनाव निरस्त होने पर प्रत्याशियों ने प्रचार सामग्री लेने से मना कर दिया, जिससे प्रचार सामग्री का काम करने वाले व्यापारियों करोड़ों का नुकसान हुआ है.
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सरकार से लगाई मदद की गुहार
प्रिंटिंग प्रेस वालों का कहना है कि पंचायत चुनाव से काफी उम्मीद थी. क्योंकि कोरोना काल में पहले ही भारी नुकसान हो चुका है. प्रत्याशियों से 10 फीसदी एडवांस लिया था, बाकी 90 प्रतिशत पैसा अटका हुआ है. प्रत्याशी प्रचार सामग्री लेने नहीं आ रहे हैं. व्यापारियों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
बता दें कि पहले और दूसरे चरण के लिए 1.37 लाख उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था. 6 जनवरी को पहला चरण और 28 जनवरी को दूसरे चरण के लिए वोटिंग होनी थी.
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