राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Vidhan Sabha Election 2023) का कुछ ही समय बचा हैं। प्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस में अगले विधानसभा चुनाव में सीएम फेस (CM Face) को लेकर धीरे-धीरे तस्वीर साफ हो रही हैं। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) एक बार फिर सीएम का चेहरा होंगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे (Vinay Sahasrabuddhe) ने कहा कि मप्र का चुनाव पीएम मोदी (PM MODI) और शिवराज सिंह के नेतृत्व में होगा। इसके साथ ही उन्होंने मुफ्त की रेवड़ी (Free Revdi) पर जमकर निशाना साधा है।

दरअसल, मोदी सरकार (Modi Government) के 9 साल पूरे होने पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि एमपी चुनाव शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। पीएम मोदी और शिवराज सिंह के नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे। विनय सहस्त्रबुद्धे ने फ्री योजनाओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए सरकार में फ्री की रेवड़ी बंटती थी, अन्य पार्टियों की सरकार में भी फ्री की रेवड़ी बंटती थी। जिसमें अपात्र लोगों को फायदा मिलता था।

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राहुल गांधी के मुस्लिम लीग को सेकुलर पार्टी बताने पर सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि कोई नई बात नहीं है। ये लोकलुभावन और वोटबैंक की राजनीति के लिए मशहूर है। कांग्रेस के नेताओं को वोटबैंक की राजनीति में PHD है। वहीं lPG के दाम बढ़ने पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण दाम बढ़े हैं। भारत मे महंगाई का सूचकांक कम है

भाजपा नेता विनय ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता यूपीए और एनडीए की तुलनात्मक रिपोर्ट लेकर घर घर जाएंगे। लोक नीति शोध संस्थान ने रिपोर्ट तैयार की है। डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने रिपोर्ट सामने रखते हुए बताया कि यूपीए सरकार में सामाजिक न्याय नहीं था। पहले सरकारी योजनाओं का अपात्र लोग लाभ लेते थे। अब पात्रों को ही लाभ मिल रहा है। 2014 से पहले ग्रामीण स्वच्छता 38.7% थी, अब ODF की उपलब्धि हासिल हुई है।

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2014 से पहले 19.43 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 3.23 करोड़ घरों में नल कलेक्शन था। आज 11.66% घरों में नल कलेक्शन है। जनजातीय मंत्रालय के आवंटन में 190% की वृद्धि हुई। 2014 में 4295.94 करोड़ बजट था, 2023-24 में 12461.88 करोड़ बजट है। 2014 के बाद 523 एकलव्य आवासीय विद्यालय खुले, 2014-15 में 918 लिंग अनुपात था, 2020-21 में बढ़कर 937 हो गया है। ई श्रम पोर्टल पर 28 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने पंजीयन कराया, इसमें 52.75 प्रतिशत महिलाएं 47.25 प्रतिशत पुरुष हैं।

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