शब्बीर अहमद, भोपाल। एमपी कांग्रेस एक बार फिर महात्मा गांधी की राह पर, या फिर ये कहें कि कांग्रेस में पदयात्रा के दौर की वापसी हो चुकी है. ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि पिछले एक महीने में आधा दर्जन नेताओं और विधायकों ने सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ हल्ला बोला और कई किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाली. मकसद सिर्फ एक ही था जनता से जुड़े मुद्दे उठाना.

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दरअसल, कांग्रेस में इस वक्त पदयात्राओं की बहार आ चुकी है. कांग्रेस के नेता जनता से जुड़े मुद्दा को उठाने के लिए पदयात्रा निकाल रहे हैं. यात्रा के बहाने कांग्रेस एक तीर से दो निशाने कर रही है. पहला जनता से जुड़े मुद्दे उठा रही है और दूसरा कार्यकर्ताओं में जोश भर रही है. जो कांग्रेस के लिए काफी जरूर भी हैं. पिछले एक महीने में कांग्रेस के आधा दर्जन नेता पदयात्रा निकाल चुके हैं या फिर निकालने की रोडमैप तैयार कर चुके हैं.

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बड़वानी अधिकार यात्रा के अलावा जयवर्धन सिंह, लक्ष्मण सिंह, कमलेश्वर पटेल, सुनील सराफ, नूरी खान ये वो नेता हैं, जो पिछले एक महीने में पदयात्रा निकाल चुके हैं और अगले एक कुछ दिनों में पीसी शर्मा के अलावा, विंध्य, शहडोल में भी यात्रा निकलना हैं. यानी पूरे सूबे के एक-एक इलाके से यात्रा निकाली जाएगी और सभी का मकसद सिर्फ एक ही है बीजेपी सरकार की नाकामी जनता तक पहुंचा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करना.

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खबर है कि कमलनाथ ने टिकट के दावेदारों और मौजूदा विधायकों को साफ कर दिया है कि जमीन पर जाकर काम करें और उसकी रिपोर्ट पीसीसी को सौंपे कि क्या काम किया जा रहा है और इसी के आधार पर 2023 का टिकट तय होगा.

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