रवि रायकवार, दतिया। मध्यप्रदेश के अनाथ बच्चों पर अब जाकर शासन की नजरें इनायत हुई हैं। जिन बच्चों के पिता मर चुके हैं, उनके लिए शासन वात्सल्य योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत बेसहारा बच्चों के पालन-पोषण के लिए सरकार प्रतिमाह 4 हजार रुपये की राशि देगी।

प्रदेश में अनाथ बच्चे आपको हर जिला, कस्बे से लेकर गांव तक मिल जाएंगे। कोविड काल में अनाथ बच्चों की संख्या में और ज्यादा इजाफा हुआ है। ये अनाथ अपने पेट की आग बुझाने के लिए या तो कहीं बाल श्रम करते हैं या फिर किसी के घर, दुकान पर नौकरी करते है।

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आजादी के बाद से कभी किसी भी पार्टी का इनकी तरफ ध्यान ही नहीं गया। अब जाकर इन अनाथ बच्चों पर शासन की नजरें इनायत हुई हैं। जिन बच्चों के माता-पिता मर चुके हैं, उन्हें वात्सल्य योजना के तहत हर माह 4 हजार रुपये दिया जाएगा।

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लोगों का मानना है कि अनाथ बच्चों के लिए भले ही देर से पहल की है, लेकिन ये शासन की अच्छी पहल है। अनाथ बच्चे चूंकि वोट बैंक नहीं बन सकते, इसलिए आजादी के 75 साल तक किसी भी दल का इनकी तरफ ध्यान नहीं गया। अब जाकर शासन ने समाज के इस मजलूम वर्ग के लिए सोचा है। वात्सल्य योजना के बारे में यही कहा जा सकता है कि देर आयद दुरुस्त आयद।

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