अनूप दुबे, ढीमरखेड़ा (कटनी)। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में नदियों से पानी लेकर सिंचाई करने पर पाबंदी है। इसके बाद भी किसान सिंचाई के लिए नदियों से पानी ले रहे हैं। इस मामले में लोगों ने कलेक्टर से कार्रवाई की मांग की है। यह मामला ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम सिमरिया का है।

दरअसल, ग्राम सिमरिया में बेलकुंड और मोरी नदी का संगम होता है, जिसे क्षेत्रवासी दुनाय घाट के नाम से जानते हैं। दोनों नदी सूख कर मैदान में तब्दील हो गई है। ग्रामीणों ने बताया यह दोनों नदियां पहले कभी नहीं सूखती थी। गर्मियों में भी दोनों नदियों में पर्याप्त पानी रहता था। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण नदियों से सिंचाई के पानी लिया जा रहा है, जो कि प्रतिबंधित है। जिम्मेदारों से लेनदेन कर धड़ल्ले से सिंचाई जारी है।

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नदियां सूखने के कारण जीव जंतु और आम इंसान को भी पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि नदियां सूखने के कारण हैंडपंप और बोरवेल का जलस्तर घट गया है। पिछले साल से लगातार अधिकारियों से शिकायत की जा रही है, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जनपद सदस्य और ग्रामीणों ने कलेक्टर अवि प्रसाद से नदियों से सिंचाई में रोक लगाने के साथ लापरवाही मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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