शरद पाठक, छिंदवाड़ा। MP की बेटी का यूरोप में डंका बजा है। आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश जब आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा था। उसी समय छिंदवाड़ा की पर्वतारोही भावना डेहरिया (Mountaineer Bhavna Dehria) ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एल्ब्रुस’ (MountElbrus) फतह कर देशवासियों को दोगुनी खुशी दी। छिंदवाड़ा की बेटी भावना डेहरिया ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एल्ब्रुस’ (5642 मीटर- 18510 फीट) पर चढ़ाई करने के बाज वहां तिरंगा ध्वज भी लहराया। भावना डेहरिया इसके पहले विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) समेत अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट किलिमंजारो’ और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का ‘माउंट कोज़िअस्को’ भी फतह कर चुकी है। 30 साल की भावना डेहरिया छिंदवाड़ा के गांव तामिया की रहने वाली हैं। 15 महीने की बेटी की मां हैं। बेटी के जन्म के बाद यह भावना का पहला पर्वतारोहण अभियान था।

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मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के गांव तामिया की रहने वाली भावना डेहरिया ने स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव पर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फ़हराकर आजादी का जश्न यादगार बना दिया।एवरेस्ट विजेता भावना ने समुद्र तल से 5642 मीटर (18510 फीट) की ऊंचाई वाली यूरोप की इस चोटी पर सफलतापूर्वक पहुंचीं। माउंट एल्ब्रुस चोटी रूस-जॉर्जिया बॉर्डर पर स्थित है।

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पर्वतारोही भावना 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट के शिखर पर फतेह हासिल करने वाली मध्यप्रदेश की प्रथम महिला है। उसके बाद उन्होंने उसी वर्ष 2019 में दीपावली के दिन अफ्रीका महाद्वीप का माउंट किलिमंजारो और होली के दिन ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का माउंट कोज़िअस्को के सबसे ऊंचे शिखर पर फतह हासिल कर भारत का परचम दुनिया में लहराया था। पर्वतारोहण के क्षेत्र में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भावना सेवन समिट मिशन के तहत सातो महाद्वीप के सबसे ऊँचे शिखर पर तिरंगा फहराएगी।

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यात्रा की पूरी कहानी भावना की जुबानी

भावना ने बताया यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह करने के लिए उनकी टीम 10 अगस्त को रूस की राजधानी मॉस्को से मिनरलनी वोडी शहर पहुंची। 11 अगस्त को जलवायु-अनुकूलन रोटेशन के दौरान 2346 मी ऊंचाई तक गई। हालांकि उनकी नाक से खून का रिसाव होने लगा। 12 अगस्त को अपने दल के साथ 3888 मीटर की ऊंचाई पर अपना बेस कैंप बनाया और अगले दो दिन 4500 मी तक रोटेशन किये। यह रोटेशन वायु दबाव के परिवर्तन और एक्यूट माउंटेन सिकनेस से बचाव के लिए जरुरी होता है। 14 अगस्त की रात बारह बजे अपने दल के साथ माउंट एल्ब्रुस चोटी के लिए निकल पड़े। 15 अगस्त को सुबह करीब 5:30 बजे पश्चिमी माउंट एल्ब्रुस जिसकी ऊचाई समुद्र तल से 5642 मीटर (18510 फीट) है की चोटी पर समिट कर भावना ने तिरंगा लहराया।

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ये यात्रा सबसे बेहद मुश्किल और शरीर को थका देने वाला

भावना ने बताया कि ये यात्रा सबसे बेहद मुश्किल और शरीर को थका देने वाला था। शिखर के नजदीक मौसम बहुत खराब हो गया था। बर्फ़बारी और 35 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्त्तार से चलने वाली तेज बर्फीली हवा के कारण विजिबिलिटी बहुत कम थी। तापमान तेजी से गिर कर -25 डिग्री तक पहुंच गया था। मां बनने के बाद माउंट एल्ब्रुस जाने से पहले तामिया के पर्वतीय क्षेत्र में भरपूर ट्रेनिंग की थी, जिससे मै रिकॉर्ड समय पर इसे पूरा कर पाई।

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