रेणु अग्रवाल, धार। Bhojshala Survey: भोजशाला ASI सर्वे का आज 45वां दिन था। ASI की 21 सदस्यीय टीम 36 मजदूरों के साथ 8.30 बजे सर्वे के लिए भोजशाला पहुंची और 5 बजे सर्वे पूरी कर बाहर निकली। आज सारे वैज्ञानिक पैरामीटर पर काम किया गया है। गर्भगृह के सामने से मिट्टी हटाने का कार्य आज भी जारी रहा। मुस्लिम पक्ष आरोप है कि सर्वे के नाम पर रिपेयरिंग का काम किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जा रहा है। जिसके 45 दिन हो गए हैं। एएसआई की टीम सुबह से लेकर शाम तक लगातार सर्वे कर रही है। सभी पैरामीटर पर काम हुआ है और फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी भी हुई है। जो ट्रेंच खोले गए हैं, उसकी ड्राइंग भी बनाई जा रही है। जो ट्रेंच सस्पेक्ट थे, उनके मिट्टी छानकर देखी जा रही है कि किसी प्रकार की कोई सामग्री, अवशेष छूट तो नहीं रही है। मॉन्यूमेंट्स की सुरक्षा को लेकर भी वह लगातार काम किया जा रहा है। दक्षिण की ओर बड़े से पिलर थे, उसको ठीक करके उसके आसपास पिंच बना दिया गया है, ताकि बारिश में कोई परेशानी न हो।

उन्होंने कहा कि उत्तर की साइड एक नया ट्रेंच बनाया है, उस पर भी आज काम जारी रहा। खेत में भी एक ट्रेंच बनाया गया है, उस पर भी कार्य जारी रहा। गर्भगृह के सामने की ओर पॉइंट्स में भी मिट्टी हटाने का काम चला है। पश्चिम दिशा में भी आने वाले समय में खुदाई की जाएगी। उत्तर, दक्षिण, पश्चिम दिशा से मिट्टी भी हटाई गई है। अभी नया कोई अवशेष प्राप्त नहीं हुआ है। भोजशाला की दीवार के पास में उत्तर की ओर एक नया ट्रेंच बनाया है, जहां पर आज काम किया गया है। दरगाह परिसर में किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं हुआ।

मस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने कहा कि डेली रूटीन का काम किया गया है। क्लीनिंग-ब्रशिंग की गई। उत्तरी दिशा में एक नई ट्रेंच चालू की गई है, जिसमें खुदाई जारी है। खेत में खुदाई का काम आज बंद रहा। उनका कहना है कि सर्वे के नाम पर रिपेयरिंग भी हो रही है। रिपेयरिंग के साथ खुदाई भी चल रही है। समझ नहीं आ रहा है कि कोर्ट की अवेहलना हो रही है कि की कोर्ट का टाइम खराब हो रहा है। यह एएसआई जवाब नहीं दे पा रही है।

उन्होंने कहा कि कल दरगाह परिसर में शिलालेख, कदबे निकले थे, उनकी क्लीनिंग-ब्रशिंग और पेपर स्टांपिंग की गई। स्मारक के अंदर भी उर्दू, फारसी और अरबी के डिस्क्रिप्शन लिखा हुआ था, उन पर भी आज काम हुआ है। इसका अनुवाद करने की कोशिश की जा रही है। अब्दुल समद ने दावा किया कि कल दरगाह परिसर के गेट के ऊपर एक कदबा लगा हुआ था, उस पर बहुत ही पुराना भाषा लिखा हुआ है। उसकी पेपर स्टांपिंग की गई है। वह अलग किस्म का पत्थर है, वह गोल राउंड में है। भाषा का अनुवाद करने की कोशिश की जा रही है।

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