दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (Kanya Vivah Yojana) विवादों में आ गई है। यहां सामूहिक विवाह से पहले युवतियों के स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने का मामला सामने आया है। इस योजना के लिए कई लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन 219 जोड़ों को ही इसका लाभ मिल पाया है। प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने पर जोड़ों के नाम लिस्ट से हटा दिए गए। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे युवतियों की निजता का हनन बताया है। वहीं बीजेपी जांच को सही ठहराते नजर आई।

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दरअसल, यह आयोजन बजाग जनपद और करंजिया जनपद क्षेत्र के मध्य गाड़ासरई में आयोजित किया गया था। बजाग जनपद क्षेत्र की ग्राम बछरगांव निवासी युवती ने आरोप लगाया है कि उसने इस सामूहिक विवाह के लिए आवेदन किया था, लेकिन शादी से पहले उसका स्वास्थ्य परीक्षण के साथ-साथ प्रेग्नेंसी टेस्ट स्वास्थ्य केंद्र में किया गया, जिसमें वह पॉजिटिव आई और उसका नाम योजना से हटा दिया गया।

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इस बात को लेकर जब बजाग जनपद क्षेत्र के बीएमओ गोपाल मरावी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बहुत सी कन्याएं और वर वधु प्रेम-प्रसंग में रहते हैं और उस दरमियान अगर प्रेग्नेंसी हो जाता है तो बाद में विवाद का कारण बन सकता है। इस वजह से दोनों पक्षों को समझाइश दी जाती है और दोनों अगर सहमत है तो पात्रता और शुभकामना के साथ शादी कराने की सलाह दी जाती है। दो थोड़े संदेहास्पद थे। प्रेम-प्रसंग वालों का टेस्ट किया गया है। सभी का नहीं किया गया है। प्रेग्नेंसी टेस्ट अपात्रता का कारण नहीं है। दूसरे कारण हो सकते हैं।

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कांग्रेस ने जताई आपत्ति

कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा- डिंरोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेग्नेसी टेस्ट कराई जाने का समाचार सामने आया है। मैं सीएम से जानजा चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो यह तो मध्य प्रदेश की बेटियों का घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया ?। क्या सीएम की निगाह में गरीब और आदिवासी सामुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है क्या?।

वहीं इस मामले को लेकर डिंडोरी विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कि यह युवतियों की निजता का हनन है। पूरी तरह से उल्लंघन है और कैसे इसमें परीक्षण करेंगे। यह बहुत गंभीर विषय है और नियम प्रक्रिया में शासन प्रशासन को स्पस्ट करना चाहिए।

बीजेपी ने जांच को ठहराया सही

वहीं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को जनकल्याणकारी बताते हुए बीजेपी जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने कांग्रेस विधायक पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। साथ ही लड़कियों के मेडिकल टेस्ट के नाम पर किए गए प्रेग्नेंसी टेस्ट को वो एक तरह से जायज ठहराते हुए नजर आए।

स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी से जब प्रेग्नेंसी टेस्ट को लेकर सवाल किया गया तो पहले तो साहब गोलमोल जवाब देते हुए दिखे लेकिन बाद में वो भी प्रेग्नेंसी टेस्ट की बात को न सिर्फ कैमरे पर कबूला बल्कि उनका कहना यह था की जो उन्हें निर्देश प्राप्त हुए थे उसका पालन किया गया है।

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