शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में मंगलवार को लोगों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे ज्यादा बिजली खर्च की. प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग का नया रिकॉर्ड बना है. बिजली विभाग के इतिहास में पहली बार 21 दिसंबर को बिजली की एक दिन की अधिकतम मांग 15,427 मेगावाट दर्ज हुई. प्रदेश में पिछले पांच दिन से बिजली की अधिकतम मांग 15,000 मेगावाट के ऊपर दर्ज हो रही है. बिजली कंपनियों के बेहतर प्रबंधन और सुदृढ़ नेटवर्क के कारण बिजली की इस अधिकतम मांग की सफलतापूर्वक सप्लाई हुई.
बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 31 दिसंबर को प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 15,425 दर्ज हुई थी. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अभी तक की सर्वाधिक विद्युत मांग की सफलता पूर्वक आपूर्ति करने पर सभी कंपनियों के इंजीनियर्स, अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की है.
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 5,980 मेगावाट, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 5,005 मेगावाट और मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 4,184 मेगावाट दर्ज हुई. जबकि रेलवे की मांग 259 मेगावाट रही.
प्रदेश में इस तरह हुई बिजली सप्लाई
मध्य प्रदेश में मंगलवार यानि 21 दिसंबर को जब बिजली की अधिकतम मांग 15,427 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप व जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 3,699 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 584 मेगावाट, एनटीपीसी अंश 3833 मेगावाट, जेपी बीना-बीएलएल 232, आईपीपी का अंश 2,604 मेगावाट रहा और बिजली बैंकिंग से 2107, अन्य स्त्रोत जैसे रिहंद, माताटीला, राजघाट का अंश 588 और नवकरणीय स्त्रोत से प्रदेश को 1,780 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई.
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