कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया (OPS Bhadoria) की चुनाव याचिका मामले में आज सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया था कि ओपीएस भदौरिया ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मतदाताओं को धमकाया और चुनाव जीता। याचिका में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 7(11) के तहत दिए गए आवेदन पर बहस की गई। जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।

दरअसल, चुनाव याचिका के जरिये निर्वाचन शून्य घोषित करने की मांग की गई थी। याचिका को लेकर मंत्री भदौरिया की ओर से तर्क दिया गया कि याचिका निर्धारित प्रारूप में पेश नहीं की गई है, इसलिए यह सुनवाई योग्य नहीं है। जबकि याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि याचिका निर्धारित नियमों के तहत पेश की गई है, कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई योग्य माना है।

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गौरतलब है कि भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के गांव गहेली के रहने वाले अरविंद त्यागी ने राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया के खिलाफ साल 2022 में हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर की। जिसमे उन्होंने बताया था कि ओपीएस भदौरिया ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मतदाताओं को धमकाया। इसके चलते गलत तरीके से चुनाव जीता है, इसलिए इनका निर्वाचन शून्य घोषित किया जाए।

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हाईकोर्ट ने इस याचिका में वाद प्रश्न बनाए जाने का भी फैसला लिया था। जिसका भदौरिया ने विरोध किया और कहा कि याचिका में जो बातें नहीं लिखी गई हैं, उन्हें वाद प्रश्न में शामिल नहीं किया जा सकता है। याचिका जनप्रतिनिधि कानून के तहत पेश नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाए। कोर्ट ने याचिका में फैसला सुरक्षित कर लिया है।

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