कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग से जुड़ी दो बड़ी खबरें सामने आई है. जिन पर सियासत भी तेज हो गई है. एक तो संजय गांधी ताप विद्युत गृह की 210 और 500 मेगावाट की इकाइयां ठप हो गई हैं. वहीं दूसरी ओर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के ओएसडी को दो ग्रेड बढ़ाकर सीधे उच्च पद दे दिया गया है. उन्हें पावर मैनेजमेंट कंपनी का मुख्य महाप्रबंधक बनाया गया है. यही वजह है कि इन दोनों मामलों को लेकर अब कांग्रेस हमलावर हो गई है. 

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कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत का आरोप है कि प्रदेश में एक बार फिर कोयले का संकट आ गया है, क्योंकि विद्युत इकाइयां बन्द होने लगी है. जिस पर मुख्यमंत्री को खुद ध्यान देना होगा. वहीं कांग्रेस ने ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर पर तंज कसते हुए कहा कि ऊर्जा मंत्री नालों की सफाई करने और सड़कों पर झाड़ू लगाने का काम बंद करें.  प्रदेश में ताप विद्युत गृह की इकाइयां बंद हो रही है उनकी वास्तविकता को सभी के सामने लेकर आएं और कोयले की उपलब्धता भी कराएं. ताकि विद्युत आपूर्ति हो सके. कांग्रेस ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के ओएसडी को सीधे पदोन्नति देते हुए पावर मैनेजमेंट कंपनी का मुख्य महाप्रबंधक बनाने पर तत्काल पद से हटाने के साथ ऊर्जा मंत्री से इस्तीफा मांगा है.

वहीं इन मामलों पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने सफाई दी है. उनका कहना है कि संजय गांधी ताप विद्युत ग्रह की दो इकाइयों के बन्द होने का कारण मेंटिनेंस होना है. वहीं ओएसडी शेलेन्द्र सक्सेना को एक साथ दो ग्रेड पद्दोन्नति मिलने के मामले पर जांच कराने के साथ दोषी होने पर कार्रवाई के निर्देश देने की बात कही है.

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दरअसल, संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर में 210 मेगावाट और 500 मेगावाट की इकाइयां बंद हो गई है इसमें ब्वॉयलर ट्यूब में लीकेज होने की समस्या बताई गई है इससे पहले भी अक्टूबर और नवंबर 2021 में तीन बार यह ईकाई बंद हुई थी उस वक्त भी ब्वॉयलर ट्यूब में लीकेज होने का हवाला दिया गया था, जबकि इन इकाइयों के रखरखाव पर सालाना लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. ऐसे में एक बार फिर तकनीकी खराबी बताते हुए इन इकाइयों के बंद होने की वजह से कुल उत्पादन क्षमता 1340 मेगावाट से घटकर 444 मेगावाट पर आ गई है. सूत्रों की माने तो ताप विद्युत गृह में 4 दिन के लिए ही कोयला बचा है. जहां 69000 मेट्रिक कोयले का ही स्टॉक है.

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