छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सौंसर में स्थिति जामसांवली हनुमान मंदिर एक चमत्कारी मंदिर माना जाता है. भगवान हनुमान की प्रतिमा से पवित्र जल निकलता है. इस चमत्कारी जल को साधारण जल में मिलाकर भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है. अब यहां लगभग 26.50 एकड़ भूमि में ‘महाकाल लोक’ की तर्ज पर ‘हनुमान लोक’ का निर्माण किया जाएगा. जिसका आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भूमिपूजन भी कर दिया है. 314 करोड़ की लागत से सरकार दो फेज में ‘हनुमान लोक’ का निर्माण करेगी. सरकार का जाम सावली प्रोजेक्ट को लेकर 3डी इमेज और वीडियो भी जारी किया है.

जाम सांवली सौंसर को हनुमान लोक के रूप में एकीकृत विकास कार्य के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम को निर्देश दिए गए हैं. यह स्थल एक अद्भुत हनुमान मंदिर जाम सांवली मध्य प्रदेश के प्राचीन क्षेत्र में दंडकारण्य सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है, जो जाम नदी में सर्प नदी के संगम पर और सौनी गांव, छापा में पीपल के पेड़ के बीच है. स्वभूमि यह श्री हनुमान जी का है. नागपुर छिंदवाड़ा रोड से 15 किमी की दूरी पर स्थित है, जो नागपुर से 66 किमी दूर है, जहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है और सौंसर शहर के लिए रेल मार्ग भी उपलब्ध है. यह पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए एक बहुत लोकप्रिय गंतव्य है. हनुमान जयंती जैसे त्योहारों के दौरान लाखों लोग आते हैं. हर वीकेंड पर भी भीड़ देखने को मिलती है.

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पर्यटकों, श्रद्धालुओं के दृष्टिगत और उक्त स्थल के महत्वानार जाम सांवली सौंसर जिला छिंदवाड़ा को लोक के रूप में एकीकृत विकास कार्य जैसे सिविल कार्य, बाह्य विदयुतीरण कार्य, इल्युमिनेशन कार्य, आर्ट वर्क, सीसीटीवी, एफएपीए सिस्टम कार्य के लिए 35.09 करोड़ (वास्तुविद शुल्क, कंटेन्जेन्सी और जीएसटी सहित) तैयार की गई है. पहले चरण के लिए 35.09 करोड़ की स्वीकृति प्रस्तावित है.

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पहले चरण में क्या-क्या रहेगा ?

  • मुख्य प्रवेश द्वार से प्रारंभ कर प्रथम प्रांगण में श्री हनुमान की बालरूप कलाओं (चिंरजीवी पथ) का चित्रण और कलाकृतियों के माध्यम से लगभग 90000 वर्गफुट क्षेत्र में किया जाएगा.
  • द्वितीय प्रांगण में श्री हनुमान जी का भक्ति रूप का चित्रण मूर्तिया और कलाकृतियों के माध्यम से लगभग 62000 वर्गफुट में विकसित किया जाएगा.
  • प्रवेश द्वार – मुख्य प्रवेश द्वार मराठावाड़ा वास्तुकला से प्रेरित है. प्रवेश द्वार से मंदिर तक लगभग 500 मीटर लंबा चिरंजीवी पथ का निर्माण प्रस्तावित है.
  • प्रशासनिक कार्यालय – इस भवन में ट्रस्ट ऑफिस, कम्युनिटी सेंटर, जन सुविधायें, टिकट कांउटर, कंट्रोल रूम, इत्यादि प्रस्तावित है जिसका क्षेत्रफल लगभग 37000 वर्गफुट है.
  • आर्युवेदिक औषधालय– लगभग 5000 वर्गफुट क्षेत्रफल में आर्युवेदिक चिकित्सालय का निर्माण प्रस्तावित है.
  • मुक्ताकाश मंच– रामलीला और अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए लगभग 12000 वर्गफुट का ओपन एयर थियेटर तैयार किया जा रहा है, जो कि जलाशय के किनारे पर प्रस्तावित है.
  • दुकाने एवं फूड कोर्ट– प्रसाद, पूजन सामग्री, माला/ हार और भोजन व्यवस्था के लिए लगभग 120 पक्की दुकानों का निर्माण प्रस्तावित है.
  • लैंडस्केपिंग– मंदिर के समीप बहने वाली बरसाती नदी का सौंर्दयीकरण किया जाना प्रस्तावित है. श्रद्धालुओं के बैठने और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए सुंदर लैंडस्केपिंग की जा रही है.
  • पार्किंग स्थल का विकास– परिसर में लगभग 1.50 लाख वर्गफुट का (400 चार पहिया एवं 400 दो पहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की जा रही है.

दूसरे चरण में क्या-क्या रहेगा ?

  • योगशाला – 8500 वर्गफुट
  • प्रवचन हॉल – 2500 वर्गफुट
  • ओपन इंटर प्रिटेशन सेंटर (अष्टसिद्धी केंद्र एवं संस्कृत विद्यालय)- 11000 वर्गफुट
  • वॉटर फ्रंट पाथ वे एवं सिटिंग एरिया 15500 वर्गफुट
  • ओपन एयर थियेटर 12000 वर्गफुट
  • भोजनालय 9000 वर्गफुट
  • भक्त निवास 27000 वर्गफुट
  • रामटेकरी पर्वत की परिक्रमा के लिए संजीवनी पथ का विकास
  • गौशाला
  • जाम नदी पर घाट का निर्माण

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