हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में भगवा ऑटो यूनियन चालक ने 22 मई को अपनी तीन मांगों को लेकर 30 हजार ऑटो चालकों के साथ हड़ताल (strike) करने की घोषणा की है। इसके साथ ही अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो विधानसभा चुनाव का भगवा ऑटो यूनियन बहिष्कार करेगा। इंदौर ऑटो महासंघ ने इस हड़ताल का बहिष्कार करते हुए कहा है कि यह हड़ताल ऑटो चालकों को नुकसान पहुंचाएगी और इसका सीधा फायदा दूसरों को मिलेगा।
ऑटो महासंघ ने भगवा ऑटो यूनियन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के राष्ट्र महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का फोटो इस्तेमाल कर गलत राजनीति भगवा यूनियन ऑटो कर रहा है। जिसका पुरजोर तरीके से विरोध करते हैं। साथ ही चेतावनी देते हुए ऑटो चालक महासंघ ने कहा कि अगर दबाव पूर्वक ऑटो चालकों को हड़ताल में शामिल किया जाएगा तो विवादित स्थिति भी बन सकती है।
ये है तीन मांगें
दरअसल, इंदौर में इन दिनों ऑटो चालक यूनियनों की राजनीति चरम पर है। भगवा यूनियन का कहना है कि 22 मई को इंदौर के चिमन बाग मैदान पर 30 हजार ऑटो चालक एकत्रित होकर अपनी तीन मांगों को लेकर हड़ताल करेंगे। जिसमें पहली मांग है इंदौर में ई-रिक्शा का रूट तय हो और ई-रिक्शा ओवरलोडिंग पर कार्रवाई हो। दूसरी मांग शहर में चल रही अवैध बाइक टैक्सी बंद हो। तीसरी मांग है ऑटो रिक्शा के 2021 के ई-चालान सरकार माफ करें। इन तीनों मांगों को लेकर 22 मई को बड़ी संख्या में भगवा ऑटो यूनियन ने हड़ताल की घोषणा की है।
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हड़ताल का विरोध
वहीं दूसरी ओर इंदौर ऑटो चालक महासंघ के अध्यक्ष राजेश बिड़कर ने हड़ताल का बहिष्कार करते हुए कहा है कि भगवा ऑटो यूनियन को यह तक जानकारी नहीं है कि इंदौर आरटीओ में कितने ऑटो रजिस्टर्ड है और कितने सड़कों पर चल रहे हैं। दोनों ही यूनियनों के बीच राजनीति गरमाई हुई है। यहां तक के दोनों के बीच विवाद की स्थिति भी बन सकती है। राजेश बिड़कर ने बताया कि पूर्व में ही ई रिक्शा के तय मापदंडों के आधार पर रूट तय किए जा चुके हैं। शहर में चलने वाली अवैध बाइक टैक्सी पहले ही बंद हो चुकी है। लेकिन पुलिस को इन पर वैधानिक कार्रवाई करनी चाहिए। इस हड़ताल से इंदौर की जनता को तो परेशानी होगी। इसके साथ अवैध रूप से चलने वाली बाइक को को भी बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्र महासचिव गरीबों के नेता
जब ऑटो टैक्सी नहीं मिलेंगे तो लोग एप्लीकेशन डाउनलोड कर उन एप्लीकेशन ओके इस्तेमाल कर अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे। ऐसे में रिक्शा चालकों का और ज्यादा नुकसान होगा। इसके साथ ही बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के फोटो को लेकर भी राजनीति गरमाई हुई है। भगवा यूनियन ने बीजेपी राष्ट्र महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को अपना संरक्षक बताया तो वहीं ऑटो चालक महासंघ ने कहा बीजेपी राष्ट्र महासचिव की जानकारी तक में नहीं है कि भगवान यूनियन ने उनके फोटो का इस्तेमाल कर इंदौर में हड़ताल की घोषणा की है। भगवा यूनियन के अध्यक्ष के मुताबिक बीजेपी राष्ट्र महासचिव गरीबों के नेता हैं इसलिए उन्हें हम अपना संरक्षक मानते हैं। फिलहाल दोनों ही यूनियनों के बीच राजनीति जमकर गरमाई हुई है।
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