हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले (Indore) में प्राचार्य विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने वाले आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव का न्यायालय (Court) में कोई भी वकील केस नहीं लड़ेगा। इसको लेकर स्टेट बार काउंसलिंग के सदस्य जय हार्डिया ने इंदौर कोर्ट और महू कोर्ट को एक लेटर जारी किया है, जिसमें अपील करते हुए कहा कि आरोपी आशुतोष की ओर से कोई भी वकील पैरवी न करे।

दरअसल, सिमरोल थाना क्षेत्र के बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी में 20 फरवरी को प्राचार्य पर पेट्रोल डालकर आग लगाने का मामला सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया था। पूरे मामले में अब बार काउंसलिंग सदस्य जय हार्डिया ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि देश का पहला ऐसा मामला है, जिसमें छात्र ने प्रिंसिपल की जघन्य हत्या की है।

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उन्होंने कहा की यह घटना इंदौर और मध्यप्रदेश नहीं देश भर में इसकी निंदा की जा रही है। घटना के आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव के विरुद्ध यह मांग की है कि इंदौर अभिभाषक संघ और महू अभिभाषक संघ दोनों के वकील उसकी ओर से पैरवी न करें और न ही कोई वकील पत्र पेश करें।

आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव

स्टेट बार काउंसलिंग (State Bar Council) के सदस्य जय हार्डिया ने कहा कि यदि वकील ऐसा करता है तो इससे एक समाज में अच्छा उदाहरण पेश होगा कि इस तरह के घटनाक्रम में वकील आरोपियों का साथ नहीं देते। वहीं परिवार के सदस्य भी इस जघन्य हत्याकांड को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में पूरे मामले को चलाने की मांग कर रहे हैं।

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इसे लेकर अधिवक्ता ने कहा कि निश्चित ही जल्द चालान पेश कर 3 महीने में आरोपी के विरुद्ध न्यायालय को संज्ञान में लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast track court) में लेकर जल्द निर्णय लेना चाहिए।

प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा

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