राकेश चतुर्वेदी/इंदर कुमार,भोपाल/जबलपुर। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर अभी तक पेंच फंसा हुआ है. पंचायत चुनाव का मामला हाई कोर्ट के पांच जजों की बेंच में जा सकता है, क्योंकि रिव्यु स्वीकार नहीं हुई तो क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की जाएगी. पांच जजों की बेंच में ही क्यूरेटिव पिटीशन की सुनवाई होती है.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रिकॉल करने के लिए यह याचिकाएं दाखिल की गई है. आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से अपाक्स, पिछड़ा वर्ग विकास मोर्चा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अधिकार संघ ने रिव्यु एवं रिकॉल याचिकाएं दाखिल की हैं. इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार ने भी रिव्यु याचिका लगाई है.
इधर मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव टल के आसार नजर आ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली तो ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया में सरकार को कितना समय लगेगा वाले सवाल पर मंत्री मोहन यादव ने कहा कि जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करेंगे. लेकिन बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं होंगे. वहीं 6 जनवरी को मतदान को लेकर मंत्री मोहन यादव ने कहा कि इसका फैसला राज्य निर्वाचन आयोग लेगा.
वहीं पंचायत चुनाव को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने ट्वीट कर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव तो होंगे, लेकिन परिणाम नहीं आयेंगे, तो सीधा कह दीजिये जनप्रतिनिधि चुने नहीं जायेंगे, नियुक्त होंगे. आगे उन्होंने लिखा है कि जनता के मताधिकार को निपटाने की पूरी तैयारी हो चुकी हैं.
मप्र में पंचायत चुनाव तो होंगे पर परिणाम नहीं आयेंगे, सीधा तो कह दीजिये जनप्रतिनिधि चुने नहीं जायेंगे, नियुक्त होंगे।
आपके मताधिकार को निपटाने की पूरी तैयारी हो चुकी हैं।— Jaivardhan Singh (@JVSinghINC) December 23, 2021
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